जानें, नौकरियों में SC/ST के प्रमोशन में आरक्षण संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या बोले नेता..

सरकारी नौकरियों में एससी/एसटी वर्ग के प्रमोशन में आरक्षण को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है। इस फैसले को लेकर कुछ नेताओं ने महत्वूर्ण बयान दिया है। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में पढ़ें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या बोले नेता..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 26 September 2018, 4:03 PM IST

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में एससीएसटी प्रमोशन में आरक्षण का फैसला अब राज्य सरकारों पर छोड़ दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने नागराज मामले को सही ठहराते हुए कहा कि इस पर फिर से विचार करने की जरूरत नहीं है। 

देश के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस इंदू मल्होत्रा की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने कहा कि यह मामला 7 जजों की बेंच को नहीं भेजा जाएगा। इस बहुप्रतीक्षित फैसले को लेकर कई नेताओं ने टिप्पणी की है, जाने इस निर्णय के बाद क्या बोले नेता..

सरकारी नौकरियों में आरक्षण पर एससी/एसटी वर्ग के प्रमोशन को लेकर क्या बोले नेता     

 

बसपा सुप्रीमो मायावती (फाइल फोटो)

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1. मायावतीः देश में एससी/एसटी वर्ग के सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कुछ हद तक स्वागत योग्य है। मायावती ने कहा कि कोर्ट ने इस सुविधा पर न तो पहले पाबंदी लगाई थी और न ही अब। 

उन्होंने कहा कि कोर्ट ने तो यह साफ तौर पर कहा है कि केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, अगर चाहे तो आरक्षण के आधार पर एससी/एसटी वर्ग के कर्मचारियों को प्रमोशन दे सकती है। मायावती ने केंद्र सरकार से प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था जल्द लागू करने की मांग की।      

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आरपीआई के अध्यक्ष रामदास अठावले (फाइल फोटो)

2. रामदास अठावलेः केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले का कहना है कि मुझे लगता है कि प्रमोशन में रिजर्वेशन का मतलब ये है कि इंडियन कॉन्सिट्यूशन ने अपने संविधान में शैड्यूल कास्ट के लिए 15 प्रतिशत, शैड्यूल ट्राइब्स के लिए 7.5 प्रतिशत और ओबोसी के लिए 27 प्रतिशत रिजर्वेशन देने का कानून है। भारत संविधान में इसका प्रावधान है।   

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उन्होंने कहा कि रिजर्वेशन का मतलब है कि हर कैटेगरी में रिजर्वेशन होना चाहिए, जैसे क्लास-1, क्लास-2 क्लास-3, क्लास-4। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब यह परेशानी हो जाएगी कि हर कैटेगरी में शैड्यूल कास्ट के लोग नजर नहीं आएंगे। मुझे लगता है कि यह फैसला शैड्यूल कॉस्ट, शैड्यूल ट्राइब्स और ओबीसी पर अन्याय करने वाला फैसला है। इसके संबंध में गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है।

Published : 
  • 26 September 2018, 4:03 PM IST

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