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President Ram Nath Kovind: राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे लखनऊ, जोरदार स्वागत, जानिये पूरा कार्यक्रम

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द करीब अपने गृह जनपद कानपुर में तीन दिन गुजराने के बाद आज दो दिन के दौरे पर राजधानी लखनऊ पहुंच गया हैं। राजधानी में राष्ट्रपति के स्वागत की जोरदार तैयारियां की गई है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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President Ram Nath Kovind: राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे लखनऊ, जोरदार स्वागत, जानिये पूरा कार्यक्रम

लखनऊ: अपने पैतृक गांव समेत गृह जनपद कानपुर की तीन दिवसीय यात्रा के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द आज दो दिवसीय दौरे के लिये यूपी की राजधानी लखनऊ पहुंचे हैं। राष्ट्रपति कोविंद स्पेशल प्रेसिडेंशियल एक्सप्रेस ट्रेन से लखनऊ पहुंचे। लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राष्ट्रपति का स्वागत किया। राष्ट्रपति के स्वागत के लिये राजधानी लखनऊ पूरी तरह सज-धज चुकी है। राष्ट्रपति 29 जून की शाम को लखनऊ से दिल्ली के लिये रवाना होंगे।

चारबाग रेलवे स्टेशन पर राष्ट्रपति का स्वागत करते सीएम योगी और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द के साथ उनकी पत्नी सविता कोविन्द, पुत्री स्वाति भी लखनऊ दौरे पर उनके साथ शामिल है। लखनऊ आगमन पर राष्ट्रपति का काफिला चारबाग हजरतगंज से सड़क मार्ग से होते हुए राजभवन पहुंचेगे। राजभवन में न्यायाधीशों के साथ हाई टी का कार्यक्रम है। इस दौरान चीफ जस्टिस आफ इंडिया भी मौजूद रहेंगे। इसके बाद आज का उनका कार्यक्रम राजभवन में आरक्षित है।

कानपुर से अपने गांव की यादें लेकर लौटे राष्ट्रपति 

राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए राजधानी लखनऊ में पुलिस-प्रशासन सतर्क है। सेना की खुफिया इकाई को भी अलर्ट कर दिया गया है। हर गतिविधि पर अफसर पैनी नजर रख रहे हैं। राष्ट्रपति लखनऊ में दो दिन रुक कर 29 जून की शाम को एयरफोर्स के विमान से दिल्‍ली पहुंचेंगे।

15 वर्षों बाद देश को कोई राष्‍ट्रपति ट्रेन से सफर कर रहा है। इससे पहले राष्‍ट्रपति अब्‍दुल कलाम साल 2006 में इंडियन मिलिटरी अकैडमी की पासिंग आउट परेड में हिस्‍सा लेने के लिए दिल्‍ली से देहरादून गए थे। देश के पहले राष्‍ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद भी अकसर ट्रेन यात्रा करते थे। राष्‍ट्रपति बनने के बाद वह बिहार के सीवान जिले में स्थित अपने पैतृक गांव जीरादेई गए थे। उन्‍होंने छपरा से जीरादेई के लिए स्‍पेशल प्रेजिडेंशियल ट्रेन पकड़ी और वहां तीन दिन रहे।

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