Maharajganj: लाकडाउन और पंचायत चुनाव के दोहरे प्रोटोकाल में फंसी पुलिस, जिम्मेदारी पड़ रही भारी

डीएन संवाददाता

उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढते मामलों को देखते हुए 35 घंटे का वीकेंड लाकडाउन जारी है। लाकडाउन खत्म होते ही राज्य में कल दूसरे चरण के पंचायत चुनाव के लिये वोटिंग शुरू हो जायेगी। इस तरह दोहरी जिम्मेदारी पुलिस के लिये काफी मुश्किल पड़ती हुई दिखाई दे रही है। डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट



महराजगंज: त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के बीच उत्तर प्रदेश में ब़ढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को काबू में लाने के लिये योगी सरकार ने राज्य में शनिवार रात से वीकेंड लाकडाउन लगा दिया है। सोमवार सुबह 7 बजे जब राज्य में लाकडाउन खत्म हो रहा होगा उसी समय पंचायत चुनाव के लिये दूसरे चरण की वोटिंग भी शुरु हो रही होगी। यानि आज रविवार को यूपी पुलिस लाकडाउन और पंचायत चुनाव की दोहरी जिम्मेदारी से बुरी तरह फंसी हुई दिख रह है।

यह भी पढ़ें: Lockdown LIVE डाइनामाइट न्यूज़ के कैमरे से देखिये महराजगंज जनपद मुख्यालय पर लाकडाउन का क्या है असर? 

यह भी पढ़ें: महराजगंज पंचायत चुनाव LIVE: ड्यूटी पर आए वाहन चालकों का छलका दर्द, खाना-पीना पूछने वाला भी कोई नहीं

कोरोना के खिलाफ लगाये गये लाकडाउन का प्रोटोकाल का पालन कराना और कल पंचायत चुनाव के लिये सुरक्षा समेत सभी जरूरी तैयारियों को पूरा करने के लिये रविवार का दिन पुलिस के बेहद अहम है। एक दिन में इन दो बड़ी जिम्मेदारियों को निभाना पुलिस के लिये किसी चुनौती से कम नहीं है।

यह भी पढ़ें: यूपी के उत्सवों पर भी कोरोना का पहरा, अयोध्या में नहीं लगेगा रामनवमी मेला

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता ने इस बारे में जब महराजगंज जनपद के कुछ अहम क्षेत्रों का दौरा किया तो पाया कि इन दो जिम्मेदारियों के बीच उलझी पुलिस के लिये यह काम काफी मुश्किल है। इसलिये कई जगहों पर पुलिस नदारद मिली और जहां मिली भी तो वहां पुलिस कर्मियों की अपेक्षित संख्या कम थी।

कुछ पुलिस सूत्रों ने डाइनामाइट न्यूज संवाददाता से बातचीत में अप्रत्यक्ष तौर पर स्वीकार किया दो जिम्मेदारियां के एक साथ आने से उनका शेड्यूल काफी टाइट हो गया है। दोनों ही जिम्मेदारियां बेहद अहम है। एक गांव की सरकार को बनाने के लिये तो दूसरी जनता को बचाने के लिये। फिर भी पुलिस जैसे-तैसे दोनों कामों में जुटी हुई है।  

ऐस में यह भी एक बड़ा सवाल है कि क्या सरकार आदेश जारी करने से पहले यह नहीं सोच पाई कि चुनावी जिम्मेदारी के बीच पुलिस कोरोना प्रोटोकाल का पालन कैसे करवाएगी। जमीनी स्तर पर सरकार का आदेश कहीं न कहीं कमजोर भी पड़त दिख रहा है।










संबंधित समाचार