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महराजगंज: मतगणना में शामिल होने के लिये कोरोना जांच को भारी भीड़, सोशल डिस्टेंशिग ‘खत्म’, क्या समय पर रिपोर्ट देगा प्रशासन?

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के परिणाम के लिये 2 मई को होने वाली मतगणना में शामल होने वाल ये उम्मीदवारों और एजेंटों के लिये कोरोना जांच रिपोर्ट जरूरी है। इसके लिये भारी भीड़ उमड़ रही है और सोशल डिस्टेंशिंग का जमकर उल्लंघन हो रहा है। पढिये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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महराजगंज: मतगणना में शामिल होने के लिये कोरोना जांच को भारी भीड़, सोशल डिस्टेंशिग ‘खत्म’, क्या समय पर रिपोर्ट देगा प्रशासन?

महराजगंज: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणामों के लिये 2 मई को मतगणना की जानी है। मतगणना में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों और अभिकर्ताओं के लिये प्रशासन द्वारा 72 घंटे की कोरोना जांच रिपोर्ट मांगी गई है। कोविड-19 रिपोर्ट नैगेटिव होने पर ही इन लोगों को मतगणना में शामिल होने की इजाजत मिलेगी। जांच रिपोर्ट के महराजगंज के अलग-अलग केंद्रों पर भारी भीड़ उमड़ रही है और सोशल डिस्टेंसिंग का जमकर उल्लंघन हो रहा है। 

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दो मई की मतगणना के लिये चुनाव में खड़े उम्मीदवारों व अभिकर्ताओं को मतगणना में शामिल होने के लिये आरटीपीसीआर रिपोर्ट मान्य की गई है। यह रिपोर्ट मतगणना के समय से 72 घंटे पहले की होनी चाहिये। लेकिन अब कोरोना जांच के लिये उम्मीदवारों और अभिकर्ताओं को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

डाइनामाइट न्यूज टीम द्वारा जनपद के विभिन्न जांच केंद्रों का जब जायजा लिया गया तो कई डरावनी तस्वीरें सामने आयी। बहुत कम जगहों पर सोशल डिस्टेंशिंग का पालन होते देखा गया। जबकि कुछ ऐसे भी मिले, जो बिना मास्क लगाये ही घूम रहे थे।  पुराने हास्पिटल में जांच कराने वाली की भारी उमड़ी दिखी। कड़ाके की धूप में भी यहां जांच कराने वालों की लंबी लाइन लगी है।

हॉस्पिटल प्रशासन ने डाइनामाइट न्यूज को बताया कि एक दिन में 100 आरटीपीसीआर का जांच की जायेगी, जिसकी रिपोर्ट 72 घण्टे बाद आएगी। लोगों की भीड़ और जांच क्षमता व संसाधानों को देखते हुए प्रशासन के लिये यह काम आसान होता नहीं दिख रहा है। 

डाइनामाइट न्यूज की पड़ताल में जनपद के सीएचसी लक्ष्मीपुर में भी इस प्रकार भीड़ लगी हुई मिली। यहां भी सोशल डिस्टेंशिंग का भी उल्लंघन किया जा रहा है। कोरोना को लेकर मची दहशत के बीच उमड़ रही भीड़ और प्रोटोकाल की अवहेलना चिंताजनक है। ऐसे में यदि कोई भीड़ में कोरोना संक्रमित उम्मीदवार या अभिकर्ता मौजूद होगा तो संक्रमण तेजी से फैल सकता है।

फरेंदा में भी कोविड जांच कराने के लिये उम्मीदवारों और उनके एजेंटों की लंबी लाइन देखी गई। यहां  फरेंदा के एलबीएस डिग्री कॉलेज में लोगों की कोविड जांच हो रही है। 

जांच केंद्रों पर उमड़ी भीड़ को देखते हुए प्रशासन के लिये बड़ी चुनौतियां खड़ी होती हुईं दिख रही है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या प्रशासन सभी को जांच रिपोर्ट समय से उपलब्ध करा सकेगा।

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