महराजगंजः धनतरेस पर सोने-चांदी के सिक्के खरीदते समय ग्राहक इन बातों का रखें ख्याल..

आशीष सोनी

धनतेरस और दिवाली पर लोग सोने-चांदी के सिक्कों की जमकर खरीदारी करते हैं। इन सिक्कों की शुद्धता और सिक्के खरीदने से जुड़ी पौराणिक मान्यता के अनुसार इन्हें इस दिन खरीदने से घर में मां लक्ष्मी अपनी कृपा बरसाती है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़ें सिक्के खरीदते वक्त ग्राहक किन बातों का रखें ख्याल



महराजगंजः धनतेरस और दिवाली के शुभ मौके पर चांदी और चांदी के सिक्के खरीदना हिन्दू धर्म में बहुत ही शुभ माना गया है। इस दिन लोग इन सिक्कों को खरीदकर इन्हें मंदिर में स्थापित करते हैं और मां लक्ष्मी और भगवाम गणेश के इन सिक्कों की पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन ये चांदी के सिक्के कितने असली और कितने नकली है इसका अंदाजा ग्राहकों को पता नहीं चलता।   

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डाइनामाइट न्यूज़ ने की इसी की पड़ताल और टीम निकल पड़ी महराजगंज जिले के स्वर्ण व्यवसायियों के पास। सोने का काम करने वाले इन सुनार व्यवसायियों ने बताया कि सोने और चांदी की पहचान किस तरह से होती है और इसमें असली और नकली का कैसे पता चलता है।     

 

 

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खासतौर से चांदी के सिक्के ग्राहकों की पहली पसंद होते हैं, इसलिए इन चांदी के सिक्कों में मिलावटीपन ज्यादा होने की संभावना रहती है। धनतेरस पर ग्राहक चांदी की चमक देख कर उसकी शुद्धता नापते है जबकि नया और चमकदार दिखने वाला हर सिक्का असली नहीं होता।   

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व्यवसायियों का कहना है कि पुराने सिक्कों का प्रचलन राजा महाराजा के जमाने से ही है। उन्हीं सिक्कों के नाम पर नए निर्मित सिक्कों की खरीद फरोख्त जारी है। जिसमें ग्राहक से जबरदस्त रकम वसूली जाती है। नये सिक्कों में भी कम प्रतिशत वाले सिक्के धकेल दिए जाते हैं। पुरानी चांदी के सिक्कों को दुकानदार उसके मूल भाव से अधिक रकम वसूल कर बेचते हैं जिसकी पहचान करना आम आदमी को बहुत ही मुश्किल भरा काम है।पुराने चांदी के सिक्कों का वजन 11.664 मिली ग्राम होता है। और कालाबाजारी करने वाले इसी वजन का उसी रूप में बना कर बड़े मात्रा में बेचते हैं।      

 

सुनार के पास चांदी केसिक्के खरीदती ग्राहक

 

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ग्राहक इस तरह करें पुराने चांदी के सिक्को की पहचान

पुराने सिक्कों की पहचान वैसे तो एक जौहरी ही कर पायेगा,लेकिन ग्राहक अगर थोड़ी समझदारी दिखाये तो वह इन सिक्कों को खरीदते वक्त ठगी का शिकार होने से खुद को बचा सकता है। इसलिये यह जरूरी हो जाता है कि सिक्के खरीदने के पहले ग्राहक किसी विश्वसनीय व्यवसाई के पास जाये और जब वह सिक्कों को खरीद रहा हो तो भली-भांति इन सिक्कों को वजन और उसके बनावट पर गौर करें। पुरानी सिक्के घिसे हुए और चमकदार बिल्कुल भी नहीं होते। इससे ग्राहकों को असली और नकली सिक्कों की पहचान आसानी से हो जायेगी।   

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