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DN Exclusive: SC/ST आयोग के चेयरमैन बोले- कानून को लेकर फैलाया जा रहा है भ्रम, बिना जांच गिरफ्तारी नहीं

केन्द्र सरकार हाल ही में एससी/एसटी कानून में संशोधन के खिलाफ समाज का एक तबका लगातार विरोध कर रहा है। एससी/एसटी आयोग के चेयरमैन बृजलाल ने इस बारे में डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत की और कहा बना जांच के गिरफ्तारी की बातें फैलाकर गुमराह किया जा रहा है।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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DN Exclusive: SC/ST आयोग के चेयरमैन बोले- कानून को लेकर फैलाया जा रहा है भ्रम, बिना जांच गिरफ्तारी नहीं

लखनऊ: एससी/एसटी कानून के विरोध में सवर्ण और पिछड़ा समुदाय के लोग सड़कों पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और कानून में बदलाव की मांग कर रहे हैं। वहीं एससी/एसटी आयोग के चेयरमैन बृजलाल ने मीडिया से बातचीत में बताया यदि दलित उत्पीड़न का आरोप किसी पर लगेगा तो रिपोर्ट दर्ज होने के बाद शिकायत की जांच डीएसपी लेवल का अधिकारी करेगा और यदि आरोप सही पाए जाएंगे तभी गिरफ्तारी होगी। वहीं यदि शिकायत गलत पाई जाएगी तो गलत शिकायत करने वाले दलित के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी।

आयोग के चेयरमैन की कुर्सी संभालने के बाद से चेयरमैन बृजलाल ने डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में कहा कि अब तक 1844 मामलों का निस्तारण आयोग ने किया है। जबकि 578 मामले अभी लंबित पड़े हैं। उन्होंने बताया कि जिन मामलों में जांच के बाद दोषसिद्धि हो चुकी है, वहां पर पीड़ितों को 1 करोड़ 5 लाख से अधिक की राशि आर्थिक सहायता के रूप में दिलाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि अगर एससी/एसटी कानून के दुरुपयोग की बातें हो रही है तो ऐसे अनेक कानून प्रचलित हैं, जिनका लंबे समय से दुरुपयोग भी होता रहा है। इसलिए एससी एसटी कानून बेहद जरूरी कानूनी प्रावधान है, जो दलित उत्पीड़न की घटनाओं को रोकने में काफी प्रभावी साबित हो रहा है।

आयोग के चेयरमैन बृजलाल ने बताया की आयोग में सुनवाई के दौरान 42 मामले ऐसे पाए गये, जो पूरी तरीके से मनगढ़त और तर्कहीन थे। ऐसे मामलों में गलत शिकायत दर्ज कराने वाले लोगों के खिलाफ आयोग ने अपनी ओर से मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया है। आयोग चेयरमैन बृजलाल ने एससी/एसटी कानून का दुरुपयोग करने का आरोप बसपा सुप्रीमो और यूपी की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती पर लगाया। उन्होंने बताया कि 2019 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों के इशारे पर एससी/एसटी कानून को हव्वा खड़ा करने की कोशिशें की जा रही है। जो सरासर गलत है।
 

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