लखनऊः मुफ्त शिक्षा के नाम पर प्राइवेट स्कूल बच्चों के भविष्य से ऐसे कर रहे खिलवाड़
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को दाखिला देने के नाम पर निजी स्कूलों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। आरटीई के तहत निजी स्कूल न सिर्फ नियमों की अनदेखी कर रहे हैं बल्कि प्रदेश के बच्चों से ऐसे कर रहे हैं खिलवाड़। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
लखनऊः सरकार एक तरफ जहां बच्चों की शिक्षा पर जोर देने के लिए कई योजनाएं चला रही है वहीं इन योजनाओं को धरातल पर ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। जिस वजह से बच्चों की पढ़ाई व्यवस्था को लेकर आए दिन एक न एक मामले सामने आ रहे है। ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी में देखने को मिल रहा है। जिससे शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे है।
लखनऊ में मुफ्त शिक्षा के नाम पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़
1. शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत वे अभिभावक जो आर्थिक रूप से कमजोर है उनके बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा की सौगात दी गई है। लेकिन इसकी हकीकत प्रदेश में कुछ और ही नजर आ रही है।
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2. प्रदेश में मुफ्त शिक्षा के नाम पर बच्चों को बंद स्कूलों का पत्र दिया जा रहा है। जिससे उनके अभिभावकों में प्रशासन के खिलाफ खासा रोष है।
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3. दाखिले के बच्चों के अभिभावक जब स्कूल में पहुंचते है तो पता चलता है कि जो पता उन्हें प्रशासन की तरफ से दिया गया है वहां पर स्कूल तो है ही नहीं।
4. जब अभिभावक संबंधित पते पर दाखिले के लिए पहुंचते हैं तो उन्हें पता चलता है कि उन्हें स्कूल का नहीं बल्कि होटल का पता मिला था। अब शिक्षा व्यवस्था से इससे ज्यादा खिलवाड़ अब हो भी क्या सकता है।
5. दरअसल आरटीई के तहत निजी स्कूलों में दाखिले के लिए जिन बच्चों का लॉटरी में नाम आया था वे स्कूलों का आवंटन पत्र लेकर ऐसे स्कूलों में पहुंचे लेकिन संबंधित जगह पहुंचने पर पता चला कि स्कूल तो संचालित ही नहीं है।
6. ऐसे बच्चों के अभिभावकों ने बेसिक शिक्षा कार्यालय में इसकी शिकायत भी दी है। इस पर शिक्षा अधिकारी का कहना है कि स्कूल बंद होने से संबंधित शिकायतें मिली है। जल्द ही संबंधित बच्चों को संचालित स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाएगा।
7. आरटीई अधिनियम के तहत लखनऊ के करीब 8 सौ निजी स्कूलों में आर्थिक रूप से वंचित बच्चों की 12 हजार सीटें दाखिले के लिए तय की गई है। इन बच्चों को संबंधित स्कूलों में मुफ्त में दाखिला देने के निर्देश दिए गए हैं।
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8. ऐसे में लॉटरी में नाम आने के बावजूद बच्चों को निजी स्कूल दाखिला देने में आनाकानी कर रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि कई निजी स्कूल तो उनसे पैसे की भी मांग कर रहे है।
9. इन 12 हजार सीटों में अब तक सिर्फ 5 हजार बच्चों को ही दाखिला मिला है। इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह बच्चों से खिलवाड़ हो रहा है
10. शिक्षा विभाग हालांकि मनमानी करने वाले ऐसे निजी स्कूलों के खिलाफ नोटिस जारी करने की बात कर रहा है। लेकिन अभिभावकों का कहना है कि स्कूलों में दाखिले के लिए भटकने को मजबूर है।