Site icon Hindi Dynamite News

जानिये बंगाल सरकार से क्यो नाराज हुए पद्म श्री से सम्मानित रतन कहार

पद्मश्री से सम्मानित लोक गायक रतन कहार ने बंगाली लोक गीतों की परंपरा को संरक्षित करने के उनके प्रयासों को मान्यता देने के लिए केंद्र के प्रति आभार व्यक्त किया। साथ ही, उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि उन्हें अब तक पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से कोई सराहना नहीं मिली है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
जानिये बंगाल सरकार से क्यो नाराज हुए पद्म श्री से सम्मानित रतन कहार

कोलकाता: पद्मश्री से सम्मानित लोक गायक रतन कहार ने बंगाली लोक गीतों की परंपरा को संरक्षित करने के उनके प्रयासों को मान्यता देने के लिए केंद्र के प्रति आभार व्यक्त किया। साथ ही, उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि उन्हें अब तक पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से कोई सराहना नहीं मिली है।

अपने मशहूर गीत ‘बोड़ो लोकेर बिटी लो’ के लिए पहचाने जाने वाले कहार ने खुलासा किया कि उनकी कई रचनाएं हमेशा के लिए खो गई हैं, जबकि कुछ अन्य गीत अतीत में उनकी सहमति के बिना अन्य संगीतकारों द्वारा उपयोग किए गए हैं।

यह भी पढ़ें: राहुल गांधी पहुंचे पश्चिम बंगाल , न्याय यात्रा की फिर करेंगे शुरुआत

कहार ने शनिवार को बीरभूम जिले के एक गांव में स्थित अपने घर के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे खुशी है कि केंद्र ने मेरे काम के लिए मुझे पद्मश्री से सम्मानित करने पर विचार किया। यह मेरी उम्मीदों से परे था। हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार ने अभी तक मेरे योगदान को नहीं सराहा है।’’

यह भी पढ़ें: अगर केंद्र ने 7 दिन में बंगाल का बकाया नहीं दिया तो विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे

कहार ने उपयुक्त सुविधाओं के अभाव के कारण उनकी कई रचनाओं की ‘‘अपूरणीय क्षति’’ पर अफसोस जताया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार लोक गायक ने कहा, ‘‘मेरे पास कागजात, पांडुलिपियों और गीतों को संग्रहीत करने के लिए घर पर पर्याप्त जगह नहीं है। अतीत में मेरे सिर पर एक छत तक नहीं थी। मैंने कई कठिनाइयों का सामना किया है, लेकिन कोई मेरी सहायता के लिए आगे नहीं आया। उन दिनों मैंने जो अनगिनत गीत लिखे, वे शायद कभी वापस नहीं मिलेंगे।’’

Exit mobile version