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Independence Day: स्वतंत्रता आंदोलन के वे 10 नारे, जिन्होंने दी भारत की आजादी को धार

भारत देश आज 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा हुआ है। आइये आज कुछ ऐसे नारों का जिक्र करते हैं जिसने भारतवासियों को आजादी से लड़ने की हिम्मत दी थी। देखिये ये खास रिपोर्ट सिर्फ डाइनामाइट न्यूज पर।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Independence Day: स्वतंत्रता आंदोलन के वे 10 नारे, जिन्होंने दी भारत की आजादी को धार

नई दिल्ली: देश आज स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) बड़े ही धूमधाम के साथ मना रहा है। इस वर्ष हम अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं। इस वर्ष 78वां स्वतंत्रता दिवस हम 'विकसित भारत' (Developed India) की थीम पर मना रहे हैं। आइये जानते हैं फ्रीडम फाइटर्स के वो नारे जिन्होंने देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई थी। 

10  नारे:
1.  फ्रीडम फाइटर बाल गंगाधर तिलक ने नारा दिया था कि "स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा"। इस नारे ने लोगों के मन में आजादी की एक अलग ही आग उत्पन्न की थी। 
2. भगत सिंह का "इंकलाब जिंदाबाद" का नारा आज भी बच्चे-बच्चे की जुबान पर रहता है। 
3. "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" नेताजी सुभाष चन्द्र का यह नारा अपने समय में काफी अलख जगाने वाला था। 
4. लाला लाजपत राय ने साइमन गो बैक का नारा दिया था। अर्थात् पीछे हटो। 
5. महात्मा गांधी ने करो या मरो का नारा दिया था। इसका अभिप्राय देश के लिये करने या मरने की स्थिति। 
6. "सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है" रामप्रसाद बिस्मिल का यह नारा आज भी देश में गानों व शायरी के तौर पर प्रयोग की जाती हैं। 
7. चंद्रशेखर आजाद का एक नारा था "दुश्मन की गोलियों का सामना करेंगे, आजाद थे और आजाद ही रहेंगे"। इस नारे ने हर भारतीय के दिल में आजादी से लड़ने की हिम्मत दी थी। 
8. पंडित मदन मोहन मालवीय ने सत्यमेव जयते का नारा देकर देश को आजादी के लिये प्रेरित किया था। 
9. एनी बेसेंट ने नारा दिया था कि "स्वतंत्रता प्रत्येक राष्ट्र का जन्मसिद्ध अधिकार है"।
10. पंडित मदन मोहन मालवीय ने अपने एक अन्य नारे में संदेश दिया था कि "विनम्रता के बिना ज्ञान बेकार है"।

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