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जानिये एशियाई खेलों को लेकर कैसी है भारतीय हॉकी टीम की तैयारी

पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने शनिवार को स्वीकार किया कि भारत को एशियाई खेलों सहित आगामी चुनौतियों से निपटने के लिए ‘टचलाइन’ से कम गोल गंवाने पर ध्यान देने के साथ सर्कल से गोल करने के अधिक मौके बनाने होंगे। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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जानिये एशियाई खेलों को लेकर कैसी है भारतीय हॉकी टीम की तैयारी

नयी दिल्ली: पुरुष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने शनिवार को स्वीकार किया कि भारत को एशियाई खेलों सहित आगामी चुनौतियों से निपटने के लिए ‘टचलाइन’ से कम गोल गंवाने पर ध्यान देने के साथ सर्कल से गोल करने के अधिक मौके बनाने होंगे।

भारत को एफआईएच प्रो लीग के यूरोपीय दौरे पर मिश्रित परिणाम मिला। टीम को यहां आठ मैचों में से चार सफलता मिली।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बेल्जियम के खिलाफ भारत ने 1-2 से हार के बाद 5-1 से जीत दर्ज की। ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ भी टीम ने पहला मुकाबला 2-4 से गंवाया जबकि दूसरे में उसने 4-4 की बराबरी पर मैच छूटने के बाद शूटआउट में 4-2 से जीत दर्ज की। अर्जेंटीना के खिलाफ टीम ने 3-0 और 2-1 से जीत दर्ज की, जबकि नीदरलैंड के खिलाफ उसे 1-4 और 2-3 से हार का सामना करना पड़ा।

हरमनप्रीत ने कहा, ‘‘ यूरोप में मैचों से हमें कई चीजों के बारे में पता चला।  हमने ‘टचलाइन’ से गोल गंवाया और इसे ठीक करने की जरूरत है। हमें ‘डी’ में बनाए गए मौकों को गोल में बदलने पर भी काम करना होगा।’’

उन्होंने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा, ‘‘ शीर्ष यूरोपीय टीमों के खिलाफ खेलना हमेशा सीखने का एक अच्छा अनुभव होता है। अब हम एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी और एशियाई खेलों में शीर्ष एशियाई टीमों के खिलाफ अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर ध्यान देंगे।’’

भारत ने प्रो लीग में अपने अभियान को 16 मैचों में 30 अंक के साथ खत्म किया। वह इस समय तालिका में शीर्ष पर है। अन्य टीमों के मुकाबले अभी बाकी है।

यह नए मुख्य कोच क्रेग फुल्टन की देखरेख में यह टीम का पहला दौरा था।

हरमनप्रीत ने कहा, ‘‘क्रेग अपने विचारों और उम्मीदों को लेकर स्पष्ट है और उनके आने से टीम में सकारात्मक माहौल है।’’

उन्होंने यूरोपीय दौरे के बारे में कहा, ‘‘ इन मैचों में (यूरोप में) हमने अपने खेल को एक अनुशासित ढांचे में ढालने पर अधिक ध्यान दिया गया था, जिसमें रक्षापंक्ति को मजबूत कर गोल का बचाव करने पर जोर दिया गया।’’

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