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Jagannath Rath Yatra: बुजुर्गों और दिव्यांग भक्तों के लिए ‘देवदूत’ बनी पुलिस, दर्शन करा जीता लोगों का दिल

ओडिशा के पुरी जिले की पुलिस प्रशिक्षित स्वयंसेवियों के जरिये भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के दर्शन करने में बुजुर्ग एवं दिव्यांग श्रद्धालुओं की मदद कर उनका दिल जीत रही है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Jagannath Rath Yatra: बुजुर्गों और दिव्यांग भक्तों के लिए ‘देवदूत’ बनी पुलिस, दर्शन करा जीता लोगों का दिल

पुरी: ओडिशा के पुरी जिले की पुलिस प्रशिक्षित स्वयंसेवियों के जरिये भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के दर्शन करने में बुजुर्ग एवं दिव्यांग श्रद्धालुओं की मदद कर उनका दिल जीत रही है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पुरी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विशाल सिंह ने जनता के साथ अपने नियमित संवाद के बाद कहा कि उन्हें पता चला था कि देवी-देवताओं के दर्शन के इच्छुक कई बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालु उम्र संबंधी जटिलताओं, बीमारियों एवं निशक्तता के कारण श्री मंदिर (जगन्नाथ मंदिर) या गुंडिचा मंदिर जाने में असमर्थ हैं।

सिंह ने कहा, “हमने अब तक 70 से 100 साल की उम्र के करीब 300 बुजुर्ग एवं दिव्यांग श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की व्यवस्था की है।”

उन्होंने बताया, “हमने देवी-देवताओं के दर्शन करने में बुजुर्ग और दिव्यांग श्रद्धालुओं की मदद के लिए युवा शक्ति स्वयंसेवकों को जिम्मा सौंपा है। गुंडिचा मंदिर में तैनात हमारे कर्मी भी उनकी सहायता कर रहे हैं।”

सिंह ने रथ यात्रा से पहले चार मई को युवा शक्ति कार्यक्रम की शुरुआत की थी। उन्होंने कहा, “हमने व्यवहार संबंधी पहलुओं और भीड़ नियंत्रण को लेकर उन्हें उचित रूप से प्रशिक्षित किया है।”

एसपी ने बताया कि स्वयंसेवियों में अनुशासन, संवेदनशीलता और ‘टीम वर्क’ की भावना सृजित करने के लिए पुलिस के साथ एक कैरम टूर्नामेंट भी आयोजित किया गया था।

सारंगधर सारंगी नाम के 80 वर्षीय बुजुर्ग श्रद्धालु कहते हैं, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भगवान के दर्शन कर पाऊंगा। इसे संभव बनाने के लिए पुरी पुलिस का आभार।”

वहीं, 100 साल की झुंपी प्रुस्टी ने कहा, “मैं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और पुरी पुलिस को उनके प्रयासों के लिए धन्यवाद देना चाहती हूं।” इसी तरह, 90 साल के बसंत कुमार दास कहते हैं, “मेरे बेटे बाहर रहते हैं। स्वयंसेवियों की मदद के बिना मेरे लिए श्री मंदिर में दर्शन करना नामुमकिन था। मैं इस तरह की पहल के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री का भी शुक्रिया अदा करना चाहूंगा।”

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