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महराजगंज में खुली बाढ़ की खोखली तैयारियों पर प्रशासन की पोल, बंधे पर आशियाना बनाने में जुटे ग्रामीण

जिले में बाढ़ को लेकर तैयारियां नाकाफी है। बरसात शुरू हो चुकी है। यहां के लोग जिन्होंने पिछली बार बाढ़ का कहर भुगता था वे दहशत में रात गुजाने को मजबूर हैं और प्रशासन है कि उसे किसी चीज की चिंता ही नही। डाइनामाइट न्यूज़ की इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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महराजगंज में खुली बाढ़ की खोखली तैयारियों पर प्रशासन की पोल, बंधे पर आशियाना बनाने में जुटे ग्रामीण

महराजगंज: जिले की रोहिन नदी के किनारे बसा ग्राम सभा हरखपुरा का बजही टोला बाढ़ के संभावित मौसम शुरू होने के पूर्व बच्चे हुए या बुजुर्ग महिलाएं हो या पुरुष सभी बंधे पर अपना आशियाना बनाने में जुटे हुए हैं। बाढ़ क्षेत्र के लगभग 50 परिवारों ने यह सोचकर बंधे पर अपना आशियाना बनाना प्रारंभ कर दिया है कि बाढ़ आने पर वह अपने परिवार के साथ बांध पर शरण ले सकें। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें प्रशासन की नहीं अपनी तैयारियों पर भरोसा है।

पनियरा विकास खंड के अंतर्गत रोहिन नदी के किनारे हरखपुरा, औरहिया अटकहवा, रानीपुर, लक्ष्मीपुर, सूचितपुर बघौना, जर्दी, बड़हरा लाला, नरकटहा समेत अन्य गांव स्थित है। पिछले वर्ष बाढ़ की वजह इन जगहों पर काफी अधिक तबाही मचाई थी। हरखपुरा के आस-पास के गांव तो कई दिनों तक पानी में डूबे रहे।

यहाँ रहने वाले 50 से अधिक परिवारों ने गांव के बाहर बंधे पर भी यह सोचकर बंधे पर आशियाना बनाना शुरू कर दिया है कि बाढ़ का समय नजदीक है और यदि मानसून प्रारंभ होने के बाद ही उनसे असर दिखा दिया तो उन्हें तैयारियों का मौका नहीं मिलेगा। इसलिए उन्होंने अपना आशियाना बंधे पर बनाना शुरु कर दिया।

वहीं बंधे पर कई जगह पर आशियाना बना रहे अनेक लोगों का कहना है कि पिछले साल आई बाढ़ ने लोगों के आशियाने को तबाह कर दिया और वह परिवार के सदस्य को लेकर बंधे पर किसी तरह से अपना जीवन यापन किया। इसलिए इस  बार पहले ही तैयारी में जुटे हैं।

 

क्या कहना है बंधे के किनारे बसे लोगों का
इस बारे में ज्ञानमती देवी (लक्ष्मीपुर) से जब बात किया गया तो उन्होंने कहा कि मिट्टी से नही बालू से इस बंधे की मरम्मत की गई। इस क्षेत्र के लोग प्रशासन पर भरोसा नहीं कर रही हैं, सरकार तो सिर्फ कागजो में काम कर रही है।

 

रामनरेश (लक्ष्मीपुर) बाकी का कहना है कि बंधे की मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति का काम किया जा रहा है बरसात का समय आ गया जल्द ही इसकी पोल खुल जाएगी, कोई काम नही किया गया है। 

सिर्फ सरकारी पैसे का हुआ दुरुपयोग
रामदवन (ग्राम जर्दी ) का कहना है कि हमारे यहाँ से नही बहुत कम दूरी पर है लेकिन प्रशासन के लोग यहाँ काम के नाम पर सिर्फ सरकारी पैसे का दुरुपयोग हुआ है। सरकार कितना भी योजना बाढ़ पीड़ितों के लिए लाई लेकिन अभी तक कुछ नही मिला, यहाँ तक कि फसल डूबने के मुआवजा भी नही मिला । 

 

इन्द्रावती देवी का कहना है कि जहाँ मिट्टी डालने को कहा गया वहां मिट्टी नही डाला गया, और सिर्फ बंधे पर नाम मात्र का मिट्टी डाल कर व समतल कर कार्य किया गया ।

 

राजेन्द्र प्रसाद का कहना है कि इस बंधे पर जो भी काम हुआ है सिर्फ दूसरे के जमाने में हुआ है। इस सरकार में तो सिर्फ कागजों में काम किया जा रहा है।

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