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Supreme Court On NCR Builders: होम बायर्स की इन समस्याओं पर सुप्रीम कोर्ट का कड़ा आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने NCR में घर खरीदारों की परेशानियों को गंभीरता से लेते हुए CBI से जांच कराने का निर्णय लिया है। साथ ही कुछ मामलों के आर्थिक अपराध की श्रेणी में रखने के निर्देश दिए। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Supreme Court On NCR Builders: होम बायर्स की इन समस्याओं पर सुप्रीम कोर्ट का कड़ा आदेश

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अब NCR में होम बायर्स की गंभीर समस्याओं को लेकर सख्त रुख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्रशासन को फटकार लगाने के बाद अब मंगलवार को होम बायर्स के मामलों की जांच CBI को सौंपने की तैयारी कर ली है।

कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि लाखों लोग अपने घरों के लिए तरस रहे हैं और समाज का एक बड़ा तबका इस समस्या से प्रभावित है।

जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने याचिकाओं की सुनवाई करते हुए इस मसले की गंभीरता को मानते हुए इसे आर्थिक अपराध करार दिया है। CBI को मामले की जांच के लिए प्रपोजल देने का निर्देश दिया गया है।

घर खरीदारों की दुर्दशा का गंभीर मामला

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में घर खरीदारों की समस्याओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट अब और सख्त हो गया है। कल नोएडा प्रशासन को फटकार लगाने के बाद आज कोर्ट ने घर खरीदारों के मामलों की जांच सीबीआई को सौंपने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि लाखों लोग अपने घर को लेकर चिंतित हैं और समाज का एक बड़ा हिस्सा इस समस्या से प्रभावित है। कोर्ट ने साफ किया कि वे इस मामले की गहराई से जांच करेंगे और इसमें कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।

आर्थिक अपराध की गंभीरता

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को आर्थिक अपराध मानते हुए सीबीआई से प्रस्ताव मांगने को कहा है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सच्चाई का पता लगाने के लिए किसी भी दोषी का पता लगाया जाएगा।

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यह एक आर्थिक अपराध है और इसलिए सीबीआई को इन मामलों की जांच करनी चाहिए।साथ ही उन्होंने राजीव जैन को न्यायमित्र नियुक्त किया है ताकि इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए सुझाव दिए जा सकें।

बैंकों की भूमिका पर सवाल

सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने बैंकों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि बैंकों का व्यवहार कैसा है। इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह तो साफ है कि साइट पर एक ईंट भी नहीं रखी गई है।

लेकिन बैंक ने 60% भुगतान जारी कर दिया। इससे साफ पता चलता है कि बड़ी समस्या है और कोर्ट को यह सुनिश्चित करना होगा कि इस मामले में माफिया की कोई भूमिका न हो।

इस बीच एसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि अगर कोर्ट को ऐसा लगता है तो सीबीआई जांच कर सकती है।लेकिन यह मामला बहुत पेचीदा है।

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