लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अलावा वाराणसी, मथुरा, वृंदावन, इलाहाबाद और अन्य शहरों में भी लोगों ने जमकर होली खेली। होली का खुमार तो होलीका दहन की रात के साथ ही छाने लगता है। अगली सुबह से ही हर तरफ टोलियां नजर आने लगती हैं और लोग एक दूसरे को रंग अबीर और गुलाल लगाने में जुट जाते हैं।
प्रत्येक वर्ष के फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाने वाले होली के त्योहार पर हर शहर, नुक्कड़ और हर गली में 'बुरा न मानो होली है' की गूंज सुनाई देती है। रंग लगाने के लिए लोग टोलियां बनाकर सड़कों पर निकलते हैं। रंग लगाकर ढोल की धुनों और तेज संगीत पर नाचते लोग होली का जश्न मनाते दिखते हैं। अमिताभ बच्चन का रंग बरसे भीगे चुनरवाली गाना हर नुक्कड़ पर सुनाई देता है।
होली के इस त्योहार पर क्या बच्चे, क्या युवा सभी रंगों में रंगे नजर आते हैं। आपसी गिले-शिकवे भूलाकर लोग एक-दूसरे से गले मिलकर भाईचारे और सद्भाव का इजहार करते हैं।
होली पर सिर्फ रंग, पिचकारी और गुब्बारों का ही महत्व नहीं है, बल्कि किचन में बनने वाले पकवान भी लोगों के दिल में अपनी एक अलग ही जगह रखते हैं। रंगों में सरोबार लोगों को घरों में बन रही गुझिया और अन्य पकवानों का स्वाद होली के आनंद को दोगुना कर कर देता है।