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Hathras Stampede: साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सिपहसालार मधुकर ने उगले कई राज, किए चौंकाने वाले कई खुलासे

भोले बाबा के राइट हैंड मधुकर ने सियासी दल के एक बड़े वर्ग को साधने की बड़ी बात उजागर की। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Hathras Stampede: साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सिपहसालार मधुकर ने उगले कई राज, किए चौंकाने वाले कई खुलासे

हाथरस:  हाथरस भगदड़ मामले में गिरफ्तार किए गए देवप्रकाश मधुकर ने कई बड़े राज खोले हैं। पुलिस पूछताछ में उसके कई सियासी पार्टियों से गहरे रिश्ते उजागर हुए हैं। उसकी कई बड़े नेताओं से नजदीकियां पता चली। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पूछताछ में मधुकर ने एजेंसियों को बताया कि वह सत्संग आयोजन के लिए फंड इकट्ठा करने का काम करता था। इतना ही नहीं, सभी बड़े आयोजनों की जिम्मेदारी भी उसके हाथ में रहती थी। इस समिति के सदस्य उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार और छत्तीसगढ़ में बताए जा रहे हैं।

एसपी हाथरस 

मधुकर ने बताया कि हाथरस जिले के फुलरई मुगलगढ़ी गांव में सत्संग के आयोजन के लिए पिछले एक महीने से चंदा हो रहा था। तीस से ज्यादा लोगों की टीम गांव-गांव जाकर अपने समाज के लोगों से पैसा इकट्ठा कर रही थी। आयोजन के लिए ही 70 लाख से ज्यादा का चंदा तो हाथरस क्षेत्र के लोगों से ही हो चुका था। जबकि एक बड़ी संख्या ऐसे लोगों की भी है, जो आनलाइन पैसा भेज रहे थे।

पुलिस को जानकारी मिली है कि एक विभाग में तो बाकायदा बाबा का फोटो लगा हुआ था। जब हाथरस हादसा हुआ तो तस्वीर हटा दी गई है। वहीं कुछ सेवानिवृत अधिकारी भी फुले बाबा से जुड़े हैं और वह भी जगह जगह सत्संग के आयोजन कराते हैं। ऐसे कुछ सेवानिवृत अधिकारियों के बारे में पुलिस को जानकारी मिल गई है। यह भी संभव है कि उनके पूछताछ की जाए।

उसने बताया कि सत्संग के बाद भगदड़ में जब लोगों की मौत हुई थी, तब मधुकर ने ही बाबा को इसकी जानकारी दी थी। हालांकि, इस सवाल के जवाब में पुलिस अधिकारी कह रहे हैं कि कॉल डिटेल खंगाली जा रही हैं। सही तस्वीर सामने आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

हाथरस एसपी निपुण अग्रवाल का कहना है कि मधुकर से पूछताछ में पता चला है कि कई राजनीतिक पार्टियां उसके संपर्क में थीं। फंड इकट्ठा करने के संबंध में गहराई से जांच की जा रही है। पूछताछ में ऐसा भी प्रतीत हुआ है कि राजनीतिक दल अपने राजनीतिक और निजी स्वार्थ के लिए इनसे जुड़े हैं.पुलिस की जांच कमेटी ने अब इस दिशा में भी काम शुरू कर दिया है।

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