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Happy Raksha Bandhan: राखी मेकिंग कंपटीशन के साथ छात्राओं ने छात्रों को बांधी राखी

यूपी के आजमगढ़ में शनिवार को एसकेडी विद्या मन्दिर एवं एसकेडी इण्टर कालेज में रक्षाबन्धन त्योहार के मद्देनजर राखी मेकिंग कंपटीशन हुआ। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Happy Raksha Bandhan: राखी मेकिंग कंपटीशन के साथ छात्राओं ने छात्रों को बांधी राखी

आजमगढ़: जनपद के जहानागंज क्षेत्र में धनहुंआ स्थित एसकेडी विद्या मन्दिर एवं एसकेडी इण्टर कालेज में रक्षाबन्धन (Raksha Bandhan) त्योहार (Festival) के मद्देनजर राखी मेकिंग कंपटीशन (Rakhi making competition),थाली डेकोरेशन एवं पोस्टर मेकिंग प्रोग्राम संपन्न हुआ जिसमें भाग लेते हुए छात्र-छात्राओं ने अपनी उत्कृष्ट कला को दर्शाया। इस अवसर पर छात्राओं ने छात्रों को राखी बांधते हुए मिष्ठान खिलाया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस अवसर पर विद्यालय के संस्थापक एवं प्रधानाचार्य द्वारा रक्षा बन्धन त्योहार के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। 

राखी का त्योहार मनाते बच्चे

विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक चीजों और रंगों के माध्यम से बच्चे राखी बनाने में जिस प्रकार से अपना हुनर दिखा रहे थे वह देखते ही बन रहा था। तीन रंग के धागों से बनी तिरंगा राखी जहां देश प्रेम की भावना जगा रही थी वहीं वास्तविक फूलों और पत्तियों से बनी राखी प्रकृति के करीब ला रही थी। 
 

प्रतियोगिता में भाग लेती छात्रा

पेंटिंग एवं पोस्टर मेकिंग में भी छात्र/छात्राओं ने अपनी अनुपम प्रतिभा को दर्शाया। कार्यक्रम में कृतिका, उज्ज्वल, प्रगति, श्रृष्टि, अंशिका, अन्वेषा, रिषिका, सिद्धि आदि का प्रदर्शन काफी सराहनीय रहा। एसकेडी इण्टर कालेज मंे  बन्दनी, अशिंका, समिक्षा, स्नेहा, आयुशी, अन्शी आदि द्वारा बनायी गयी राखियां काफी भाई। इस अवसर पर छात्राओं ने छात्रों को राखी बांधते हुए मिष्ठान खिलाया।

थाली डेकोरेशन करती छात्रा

विद्यालय के संस्थापक विजय बहादुर सिंह ने कहा कि रक्षाबन्धन भाई- बहन के स्नेह का त्योहार है। एक सामान्य सा  धागा जब राखी का रूप ले लेता है तो वह अमूल्य हो जाता है। राखी के इसी धागे के महत्व को समझते हुए जाति धर्म से ऊपर उठकर चित्तौड़ की महारानी कर्णावती की आजीवन रक्षा किया।

एक दूृसरे को राखी पहनाते छात्र

एसकेडी विद्या मन्दिर के प्रधानाचार्य कुंवार ओलक सिंह एवं एसकेडी इण्टर काॅलेज के प्रधानाचार्य केके सरन ने भी अपने विचारों को रखा।  
कार्यक्रम को सफल बनाने में श्रीकान्त सिंह, दिनेश, नवनीत, सूर्य प्रताप, नेहा, ममता, प्रियंका, रेनू आदि का योगदान काफी सराहनीय रहा।

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