महराजगंज: वर्ष 2016 में हुई शिक्षक भर्ती के दौरान हुए धांधली में फर्जी शिक्षकों ने नौकरी प्राप्त कर बेसिक शिक्षा विभाग के साथ सरकार को तो चुना लगया ही लेकिन उनके साथ विभागीय अधिकारी और कर्मचारी भी खुब मालामाल हो गए।
तभी तो इन फर्जी शिक्षकों के पकड़े जाने के बाद भी इनके विरुद्ध दो वर्षों तक कार्यवाही नहीं हुई। हालांकि लंबे समय तक मामले में किरकिरी होने के बाद शनिवार को विभाग ने आखिरकार फर्जी शिक्षकों के मास्टर माइंड राजकुमार यादव समेत कुल दस शिक्षकों पर सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर दिया है। इसमें राजकुमार यादव पूर्व में भी फर्जी शिक्षक के मामले में जेल भी जा चुका है।
जेल से निकलने के बाद उसने पुनः नाम पता बदल कर नौकरी पा ली थी।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार एक महिला शिक्षक की छोड़ बाकी बर्खास्त फर्जी शिक्षकों पर काफी लंबे समय से मुकदमा दर्ज होने थे लेकिन विभाग के कुछ तथाकथित लोगों के मेहरबानी मुकदमा दर्ज नहीं हो रहे थे।
लेकिन जब विभाग ने अपना खुब भद्द पिटवा लिया तब आनन–फानन में अलग–अलग ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारियों के तहरीर पर जनपद के 10 बर्खास्त फर्जी शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।
इन बर्खास्त फर्जी शिक्षको पर दर्ज हुआ मुकदमा
राजकुमार यादव, प्राथमिक विद्यालय धनगडा, परतावल, दिनेश चंद्र, बैजौली परतावल ब्लॉक, सुमन यादव प्राथमिक विद्यालय पड़री, सैय्यद अली पुत्र जैयद अली, निवासी तिवारीपुर, गोरखपुर, अरविंद कुमार यादव पुत्र पारस यादव, निवासी खोराबार गोरखपुर, कन्हैया लाल यादव पुत्र रामनरेश यादव, निवासी लक्ष्मीपुर यादव टोला गोरखपुर, रतन कुमार पांडेय पुत्र नारायण पांडेय, निवासी परतावल वेदानंद यादव पुत्र मुखलाल यादव निवासी डुमरी खास, चौरी चौरा खास, गोरखपुर, अजय प्रताप चौधरी पुत्र रामसूरत चौधरी सिविल लाइन गांधी नगर, जेल रोड बस्ती।
इन लोगों पर इनके संबंधित खंड शिक्षा अधिकारियों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई है।