Kabul: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है। पाकिस्तान की हवाई कार्रवाई में अफगानिस्तान के तीन क्रिकेटरों की मौत ने पूरे खेल जगत को झकझोर दिया है। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने इस घटना को “राष्ट्रीय अपमान” करार देते हुए पाकिस्तान और श्रीलंका के साथ होने वाली आगामी त्रिकोणीय टी20 सीरीज से भाग नहीं लेने का फैसला किया है।
आखिर क्या है पूरा मामला?
घटना अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत की है, जहां पाकिस्तानी वायुसेना ने कथित रूप से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के ठिकानों पर बमबारी की। लेकिन इन हमलों की चपेट में निर्दोष नागरिकों के साथ तीन अफगान क्रिकेटर, कबीर, सिबगतुल्लाह और हारून भी आ गए। बताया जा रहा है कि ये खिलाड़ी शराना इलाके में खेले गए मैच के बाद अर्गुन लौट रहे थे, जब अचानक पाकिस्तान के लड़ाकू विमानों ने रिहायशी इलाके पर बम बरसा दिए।
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हमले में कुल आठ लोगों की मौत
अफगानिस्तान मीडिया के मुताबिक, हमले में कुल आठ लोगों की मौत हुई, जिनमें से सभी क्रिकेट या स्थानीय क्लब से जुड़े खिलाड़ी थे। इसके अलावा सात लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सोशल मीडिया पर आई तस्वीरों में स्थानीय लोग मलबे में फंसे शवों को निकालते हुए दिखाई दिए। एक बच्चे का शव मिलने से स्थिति और भी भावनात्मक हो गई।
10 दिनों से जारी पाकिस्तानी हमले
यह घटना किसी एक दिन की नहीं, बल्कि पिछले दस दिनों से जारी संघर्ष का हिस्सा है। पाकिस्तान लगातार दावा कर रहा है कि वह अफगान सीमा के अंदर मौजूद टीटीपी के ठिकानों पर कार्रवाई कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, पिछले दस दिनों में पाकिस्तानी हमलों में 52 नागरिकों की मौत और 425 से अधिक घायल हुए हैं। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार का कहना है कि ये हमले “संप्रभुता का उल्लंघन” हैं और अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ हैं।
पाकिस्तानी सेना का दावा
पाकिस्तान सेना ने बयान जारी कर कहा कि उसके हमले केवल टीटीपी प्रमुख नूर वली महसूद को निशाना बनाने के लिए थे। लेकिन अफगान और अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि महसूद इस वक्त पाकिस्तान के ही ख़ैबर पख्तूनख्वाह प्रांत की तिराह घाटी में मौजूद है, यानी पाकिस्तान के हमले गलत सूचना पर आधारित थे।
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कतर की मध्यस्थता और टूटा संघर्षविराम
इस हमले से कुछ दिन पहले ही कतर की मध्यस्थता में दोनों देशों के बीच 48 घंटे का सीजफायर हुआ था। 14 और 15 अक्टूबर को युद्धविराम की घोषणा के बावजूद कई इलाकों में झड़पें जारी रहीं। पाकिस्तान ने 17 अक्टूबर को एक बार फिर पक्तिका के अर्गुन और बारमाल जिलों में बमबारी की, जिससे शांति की कोशिशें ध्वस्त हो गईं।
स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि पाकिस्तान ने अफगान सीमा से लगे टोरखम और चमन बॉर्डर बंद कर दिए हैं। इसके चलते व्यापार और लोगों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है।
एसीबी का कड़ा रुख
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इस घटना के बाद पाकिस्तान के साथ किसी भी खेल संबंध को “अनुचित” बताते हुए कहा कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती, टीम किसी भी अंतरराष्ट्रीय मैच में पाकिस्तान के खिलाफ नहीं खेलेगी। एसीबी ने मृत खिलाड़ियों के परिवारों को आर्थिक सहायता और सम्मानजनक अंतिम संस्कार की घोषणा भी की है।
अफगानिस्तान के स्टार खिलाड़ी रशीद खान ने सोशल मीडिया पर लिखा, “यह हमला केवल तीन क्रिकेटरों की नहीं, बल्कि अफगानिस्तान के पूरे खेल जगत की हत्या है।”