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डिजिटल कोर्ट को शिप्ट किये जाने के खिलाफ क्यों गुस्साये दिल्ली के वकील, अदालती काम छोड़कर सड़कों पर प्रदर्शन

दिल्ली की कुछ अदालतों के वकील डिजीटल कोर्ट को शिप्ट किये जाने के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी कर रहे हैं। सोमवार को वकीलों ने डाइनामाइट न्यूज़ पर अपनी समस्याएं बताई।
Post Published By: Subhash Raturi
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डिजिटल कोर्ट को शिप्ट किये जाने के खिलाफ क्यों गुस्साये दिल्ली के वकील, अदालती काम छोड़कर सड़कों पर प्रदर्शन

नई दिल्ली: हाई कोर्ट ने पिछले महीने दिल्ली के सभी जिलों की डिजिटल कोर्ट को सेंट्रल दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में शिफ्ट करने का आदेश दिया था। दिल्ली हाई कोर्ट के इस फैसले का वकील लगातार विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे वादी परेशान हैं और वकील समेत न्यायिक अधिकारियों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सोमवार को इस मुद्दे को लेकर वकीलों का गुस्सा फूट पड़ा।

डिजिटल कोर्ट को शिफ्ट किये जाने के खिलाफ अब वकील धरना-प्रदर्शन पर उतारु हो गये हैं। सोमवार को कुछ कड़कड़जूमा कोर्ट के वकीलों ने प्रदर्शन और नारेबाजी की। इन वकीलों का कहना है कि इस फैसले से वादियों को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

शाहदरा बार एसोसिएशन के सचिव नरवीर डबास, अतिरिक्त सचिव अभय प्रताप सिंह समेत अन्य वकीलों ने ड़ाइनामाइट न्यूज़ से सोमवार को बातचीत की।

वकीलों की मांग है कि परक्राम्‍य‍ लिखत (एनआई) अधिनियम के तहत डिजिटल अदालतें राउज एवेन्यू अदालत में स्थानांतरित होने का फैसला तत्काल वापस लिया जाये।

वकीलों का कहना है कि यह फैसला बहुत गलत है। जब तक यह फैसला वापस नहीं लिया जाता, तब तक उनका धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। उनका कहना है कि इस मुद्दे पर सभी वकील एक हैं और लोगों का भी उनको लगातार समर्थन मिल रहा है।

इससे पहले भी 28 जून को शाहदरा बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति ने एक बैठक आयोजित की थी, जिसमें डिजिटल अदालतों को कड़कड़डूमा कोर्ट कॉम्प्लेक्स से राउज एवेन्यू कोर्ट में स्थानांतरित करने और अदालतों के स्थानांतरण के कारण वकीलों और वादियों के सामने आने वाली समस्याओं के मुद्दे पर चर्चा की गई थी और एक सुर में इस फैसले का विरोध करने का फैसला लिया था।

दिल्ली के वकीलों ने पिछले दिनों इस फैसले के खिलाफ एक दिन की हड़ताल भी की। सभी जिला अदालतों के वकील संगठनों की को-ऑर्डिनेशन कमिटी ने दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस विभू बाखरू से मुलाकात की और वकीलों के विरोध की वजहें भी उनके सामने रखीं, जिस पर वकीलों को इस फैसले की समीक्षा का आश्वासन दिया गया था लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ।

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