New Delhi: भारत के खिलाफ साजिश रचने से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान अब एक नए मोर्चे की तैयारी कर रहा है। ताजा खुलासा खुद पाकिस्तान की सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने किया है, जिसने बताया कि पाकिस्तान अब पारंपरिक पश्चिमी सीमा से नहीं, बल्कि बांग्लादेश सीमा से भारत पर हमला करने की रणनीति बना रहा है।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने कथित तौर पर भारत के खिलाफ ‘पूर्वी मोर्चे’ से रणनीतिक गतिविधियों की शुरुआत का इशारा दिया है। इस चौंकाने वाले बयान की पुष्टि पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने की है, जिन्होंने कहा, ‘भविष्य के किसी भी संघर्ष में हम पूर्व से शुरुआत करेंगे।’ यह महज सैन्य बयान नहीं बल्कि एक बड़े भू-राजनीतिक गठजोड़ की ओर संकेत है, जिसमें पाकिस्तान की ISI और बांग्लादेश की नई यूनुस सरकार की संभावित मिलीभगत की बात कही जा रही है।
भारत के लिए नया सिरदर्द
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बांग्लादेश की सत्ता में आई मोहम्मद यूनुस सरकार पाकिस्तान के प्रति नरम और भारत के प्रति सख्त रुख अपना रही है। यूनुस और पाक खुफिया एजेंसी ISI के बीच पुराने संबंधों के फिर से सक्रिय होने की चर्चा है।
यह सहयोग केवल राजनयिक नहीं, बल्कि साइबर युद्ध, खुफिया सूचना और सीमावर्ती सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी असर डाल सकता है। यदि बांग्लादेश पाकिस्तानी गतिविधियों के लिए एक नया प्लेटफॉर्म बनता है तो भारत को पूर्वी सीमा पर भी उतना ही सजग रहना होगा जितना वह पश्चिमी सीमा (LoC) पर रहता है।
पूर्वोत्तर भारत, खासकर असम, त्रिपुरा, मेघालय और पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती इलाके सीधे तौर पर प्रभावित हो सकते हैं। भारत को अब दोहरे मोर्चे पर अपनी सुरक्षा रणनीति को मजबूत करना होगा।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन की फिराक में पाकिस्तान, ट्रंप की भूमिका पर सवाल
चौंकाने वाली बात यह भी है कि इस पूरे समीकरण में पाकिस्तान को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से अप्रत्यक्ष समर्थन मिल रहा है। ट्रंप का भारत को लेकर हालिया रुख और पाकिस्तान की ओर झुकाव पाक सेना के लिए एक राजनयिक हौसला बन रहा है।
ऐसा माना जा रहा है कि आसिम मुनीर ने चीन और अमेरिका दोनों के साथ अपनी रणनीतिक बातचीत बढ़ा दी है ताकि भारत के खिलाफ एक मजबूत अंतरराष्ट्रीय प्लेटफॉर्म तैयार किया जा सके। संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों पर भी पाकिस्तान भारत को घेरने की कूटनीति अपनाने की तैयारी में है।
भारत के लिए अलर्ट का समय
भारत के लिए यह एक नए तरह की सुरक्षा चुनौती है। अब उसे केवल एलओसी और नियंत्रण रेखा पर ही नहीं, बल्कि बांग्लादेश जैसे ‘मित्र राष्ट्र’ की सीमा से भी सतर्क रहना होगा। यदि बांग्लादेश की सरकार, पाकिस्तानी सेना या ISI के प्रभाव में आती है तो यह देश की आंतरिक शांति, पूर्वोत्तर राज्यों की सुरक्षा और सांप्रदायिक सौहार्द को भी नुकसान पहुंचा सकता है।