अहमदाबाद: 12 जून को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे में राजस्थान के 14 लोग मारे गए थे, जिनमें से अब तक 6 का अंतिम संस्कार किया जा चुका है, जबकि 5 शवों की पहचान अभी भी नहीं हो पाई है। इस दुर्घटना से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है। मृतकों के परिजन लगातार डीएनए रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे अपनों को अंतिम विदाई दे सकें।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता से मिली जानकारी के मुताबिक इस भयावह हादसे में जहां कई लोगों की जान गई, वहीं कोटा के डॉक्टर पीयूष मालव एक बड़ा हादसा होते-होते बचा ले गए। डॉक्टर मालव विमान से महज 50 मीटर की दूरी पर स्थित बिल्डिंग में खाना खा रहे थे। प्लेन में विस्फोट और आग की लपटें देख उन्होंने तुरंत वहां से भागकर जान बचाई और दो लोगों की जान भी बचाई।
शव की तालाश जारी
उदयपुर निवासी प्रकाश मेनारिया भी इस दर्दनाक हादसे में मारे गए थे। हादसे को चार दिन बीत चुके हैं, लेकिन उनका पार्थिव शरीर अब तक परिवार को नहीं मिल पाया है। उनके बेटे लोकेश मेनारिया ने बताया कि डीएनए जांच की प्रक्रिया पूरी हो गई है और उम्मीद है कि शव की पहचान हो जाएगी और उन्हें अंतिम संस्कार का अवसर मिलेगा।
डॉक्टर दंपती की पहचान
बांसवाड़ा के रहने वाले डॉक्टर दंपती का भी शव अभी तक शिनाख्त नहीं हो सका है। दंपती के तीन बच्चों की मौत पहले ही पुष्टि हो चुकी है और उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है। परिजनों का दुख और इंतजार दोनों लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
लोगों ने की सराहना
जान बचाने की इस कोशिश में उन्होंने 8 फीट ऊंची बाउंड्री कूद दी, जिससे उनके पैर में चोट आई है। हादसे के बाद डॉक्टर पीयूष की सूझबूझ और साहस की लोग सराहना कर रहे हैं।
डीएनए से हो रही पहचान
गुजरात प्रशासन और केंद्र सरकार के निर्देश पर डीएनए जांच के ज़रिए मृतकों की पहचान की जा रही है। अब तक 250 शवों में से 97 की पहचान की जा चुकी है। राजस्थान के कई परिवारों को अभी भी अपने परिजनों के शवों की प्रतीक्षा है।
प्रशासन परिजनों के संपर्क में
राजस्थान सरकार व प्रशासन लगातार अहमदाबाद प्रशासन के संपर्क में है और पीड़ित परिवारों को हरसंभव सहायता देने का दावा कर रही है। यह हादसा न सिर्फ गुजरात बल्कि राजस्थान के लिए भी गहरे जख्म छोड़ गया है, जिसकी भरपाई मुश्किल है।