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Sawan Somvar: सावन सोमवार व्रत के दौरान क्या करें और क्या न करें? जानें सही विधि और महत्व

सावन सोमवार का व्रत हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इस व्रत को श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाता है। इस लेख में हम जानेंगे सावन सोमवार के व्रत की विधि, इसकी महत्वता, और इसके साथ जुड़ी कथा के बारे में।
Post Published By: Sapna Srivastava
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Sawan Somvar: सावन सोमवार व्रत के दौरान क्या करें और क्या न करें? जानें सही विधि और महत्व

New Delhi: सावन का महीना हिन्दू धर्म में विशेष स्थान रखता है, और इस महीने के हर सोमवार को शिवजी की पूजा और व्रत का महत्व अत्यधिक होता है। इस वर्ष सावन सोमवार व्रत 11 जुलाई से शुरू हो रहा है, और पहला व्रत 14 जुलाई को होगा। अगर आप भी इस बार सावन सोमवार का व्रत करना चाहते हैं, तो इसके सही विधि और महत्व को जानना बेहद ज़रूरी है।

सावन सोमवार का व्रत कैसे करें?

पंडित अरविंद मिश्र के अनुसार, सावन सोमवार का व्रत श्रावण माह में विशेष महत्व रखता है। हालांकि, यह व्रत किसी भी मास के सोमवार को किया जा सकता है, लेकिन सावन मास में इसका पुण्य और प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। इस व्रत को विशेष रूप से महिलाएं करती हैं, क्योंकि इसे करने से उन्हें पति और पुत्र सुख की प्राप्ति होती है।

व्रत की विधि बहुत सरल है, लेकिन इसे पूर्ण श्रद्धा और आस्था के साथ करना चाहिए। इस व्रत में फलाहार या किसी प्रकार का खास आहार का पालन जरूरी नहीं है, लेकिन यह जरूरी है कि आप दिन में केवल एक बार भोजन करें। साधारणतया यह व्रत दिन के तीसरे पहर तक किया जाता है, अर्थात व्रति पूरे दिन उपवासी रहते हैं और शाम को पूजा करने के बाद ही एक बार भोजन करते हैं।

शिव फोटो (सोर्स-गूगल)

सोमवार पूजा विधि

इस व्रत की सबसे महत्वपूर्ण बात है शिव और पार्वती का पूजन। शिवजी की पूजा करते समय विशेष रूप से बेलपत्र, दूध, शहद, गंगा जल, और चन्दन का प्रयोग करना चाहिए। शिवलिंग पर दूध और जल चढ़ाने से पुण्य की प्राप्ति होती है। पूजा में पार्वती माँ की भी पूजा करनी चाहिए, क्योंकि इस व्रत के माध्यम से मां पार्वती और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।

इस व्रत के साथ विशेष रूप से “सावन सोमवार व्रत कथा” सुननी चाहिए। यह कथा भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ी हुई है और व्रति के लिए आध्यात्मिक लाभकारी मानी जाती है।

सावन सोमवार के प्रकार

साधारण सोमवार व्रत: यह व्रत केवल एक दिन के लिए किया जाता है और इसे किसी भी सोमवार को किया जा सकता है।

सोम प्रदोष व्रत: यह व्रत सावन माह के सोमवार को विशेष रूप से किया जाता है और इसमें प्रदोष काल (शाम के समय) में विशेष पूजा की जाती है।

सोलह सोमवार व्रत: यह व्रत पूरे 16 सोमवार तक किया जाता है। इसे कठिन लेकिन बहुत प्रभावशाली माना जाता है, और इसे विशेष आस्था और संयम के साथ करना होता है।

व्रत कथा का महत्व

हर प्रकार के सोमवार व्रत के साथ एक विशेष कथा जुड़ी होती है। इन कथाओं में भगवान शिव की महिमा और उनकी कृपा से जुड़े प्रसंग होते हैं। यह कथाएँ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होती हैं, बल्कि मानसिक शांति और आस्था को भी बल देती हैं।

सावन सोमवार के व्रत से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें

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