गोरखपुर: गोरखपुर के युवा और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पर्वतारोही नीतीश सिंह ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए वियतनाम की सबसे ऊंची चोटी माउंट फांसिपन (Fansipan) को फतह कर लिया है। 3143 मीटर (करीब 10,326 फीट) ऊंची यह चोटी वियतनाम ही नहीं, बल्कि पूरे इंडोचाइना (Indochina) क्षेत्र की सबसे ऊंची पर्वत चोटी मानी जाती है, जिसे ‘द रूफ ऑफ इंडोचाइना’ के नाम से भी जाना जाता है।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, नीतीश सिंह ने 27 अप्रैल 2025 को मात्र 7 घंटे में इस चोटी को फतह कर भारत के पहले पर्वतारोही बनने का गौरव प्राप्त किया, जिन्होंने इतनी तेजी से यह उपलब्धि हासिल की।
सीएम योगी ने दी शुभकामनाएं
वहीं इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 17 अप्रैल को लखनऊ स्थित अपने आवास पर नीतीश सिंह को भारतीय ध्वज प्रदान कर इस अभियान के लिए शुभकामनाएं दी थीं।
इस दिन की थी शुरुआत
जानकारी के अनुसार, इस साहसिक अभियान के लिए नीतीश 23 अप्रैल को दिल्ली से वियतनाम रवाना हुए और 24 अप्रैल को वियतनाम पहुंचकर, 25 तारीख को हनोई और फिर 26 अप्रैल को सापा शहर पहुंचे। वहां उन्होंने एक दिन का प्रशिक्षण लिया और उसी शाम को चोटी की ओर चढ़ाई शुरू की।
इसके बाद, उन्होंने 27 अप्रैल की सुबह 8 बजे नेशनल पार्क पहुंचकर सभी औपचारिकताएं पूरी कीं और 8 बजकर 45 मिनट पर पर्वतारोहण की शुरुआत की। कैंप 1 और कैंप 2 को पार करते हुए, उन्होंने शाम 3 बजकर 55 मिनट पर माउंट फांसिपन की चोटी पर तिरंगा फहराया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस गौरवशाली सफलता पर नीतीश सिंह को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। नीतीश को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2023 में ‘स्वामी विवेकानंद यूथ अवार्ड’ से भी सम्मानित किया जा चुका है।
अब तक इन चोटियों को किया फतह
बता दें कि अब तक नीतीश सिंह ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चोटियों को फतह कर भारत का गौरव बढ़ाया है। इनमें माउंट एवरेस्ट बेस कैंप, माउंट स्टॉक कांगड़ी (लेह), माउंट रुद्र गैरा (उत्तराखंड), माउंट किलिमंजारो (अफ्रीका), माउंट एलब्रुस (यूरोप), माउंट अरारत (टर्की), माउंट किनाबालू (मलेशिया), माउंट मेरु (अफ्रीका) और कई अन्य प्रमुख शिखर शामिल हैं। हर अभियान में वे सामाजिक संदेश जैसे “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ”, “सब पढ़ें-सब बढ़ें”, थर्ड जेंडर सम्मान, महामारी जागरूकता जैसे विषयों को लेकर सामने आते हैं।
नीतीश सिंह गोरखपुर के राजेंद्र नगर पश्चिमी न्यू कॉलोनी निवासी हैं और उनके पिता शहीद लांस नायक अमरजीत सिंह कारगिल युद्ध के समय शहीद हुए थे। नीतीश दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से बीकॉम की पढ़ाई कर चुके हैं। उनकी इस सफलता से न केवल गोरखपुर बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश का नाम रोशन हुआ है।

