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Cluster buses in Delhi: राजधानी में क्लस्टर बसों के खिलाफ क्यों उतर गए यात्री, जानिए पूरा मामला

दिल्ली क्लस्टर बस सेवा इन दिनों यात्रियों के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। क्लस्टर बसों के ड्राइवर और स्टाफ की मनमानी और दादागीरी बढ़ रही है। मामले की पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
Post Published By: Jaya Pandey
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Cluster buses in Delhi: राजधानी में क्लस्टर बसों के खिलाफ क्यों उतर गए यात्री, जानिए पूरा मामला

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए चलाई जा रही क्लस्टर बस सेवा इन दिनों यात्रियों के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। क्लस्टर बसों के ड्राइवर और स्टाफ की मनमानी, लापरवाही और दादागीरी आम हो गई है। कई रूटों पर यात्रियों को बसों में चढ़ने-उतरने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि बसें तय बस स्टॉप्स पर रुकती ही नहीं हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, हाल ही में दिल्ली के कई इलाकों जैसे महरीपालपुर, द्वारका, उत्तम नगर और आईटीओ से ऐसी शिकायतें सामने आई हैं, जहां क्लस्टर बसें निर्धारित स्टॉप पर न रुककर आगे निकल जाती हैं। जब यात्री विरोध करते हैं या सवाल करते हैं, तो चालक और कंडक्टर उनके साथ बदसलूकी पर उतर आते हैं। कई बार तो बस रोक कर बीच सड़क पर बहस शुरू कर दी जाती है, जिससे ट्रैफिक में भी बाधा आती है।

यात्रियों से की गई बदसलूकी

एक यात्री ने बताया कि उन्होंने जब ड्राइवर से पूछा कि बस स्टॉप पर बस क्यों नहीं रोकी गई, तो उसने गाड़ी रोक दी और झगड़ने लगा। वहां मौजूद लोगों ने मामला शांत कराया, लेकिन यह स्थिति अपमानजनक थी।

लोग पैदल चलने को मजबूर

यात्रियों का कहना है कि यह समस्या पिछले कुछ महीनों से लगातार बढ़ रही है। खासकर सुबह और शाम के व्यस्त समय में जब यात्रियों की संख्या अधिक होती है, तब ड्राइवर जानबूझकर स्टॉप पर न रुककर आगे निकल जाते हैं, जिससे लोग कई किलोमीटर पैदल चलने को मजबूर हो जाते हैं।

ड्राइवरों की मनमानी पर लगे लगाम

यात्रियों ने मांग उठाई है कि दिल्ली सरकार और परिवहन विभाग इस पर तुरंत संज्ञान लें। बसों में सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाए और ऐसे मनमाने ड्राइवरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही बस स्टॉप पर निगरानी और रिपोर्टिंग व्यवस्था को मजबूत किया जाए ताकि आम जनता को सुरक्षित, समयबद्ध और सम्मानजनक यात्रा का अधिकार मिल सके। यदि हालात ऐसे ही रहे तो राजधानी की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था से लोगों का भरोसा उठ जाएगा। ऐसे में सरकार और विभाग को इस पर सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

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