मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर चांदी ने कुछ ही घंटों में ऐतिहासिक उतार-चढ़ाव दिखाया। रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने के बाद चांदी 21 हजार रुपये से ज्यादा टूट गई। मुनाफावसूली और वैश्विक भू-राजनीतिक घटनाओं को इसकी बड़ी वजह माना जा रहा है।

रिकॉर्ड हाई से फिसली चांदी
New Delhi: देश के वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोमवार को चांदी की कीमतों ने निवेशकों को चौंका दिया। बाजार खुलते ही चांदी ने ऐसा उछाल दिखाया, जो अब तक इतिहास में दर्ज नहीं हुआ था। लेकिन यह तेजी ज्यादा देर तक टिक नहीं पाई और कुछ ही घंटों में कीमतों में जोरदार गिरावट देखने को मिली। इस उतार-चढ़ाव ने बाजार में हलचल पैदा कर दी।
सुबह 9 बजे जैसे ही MCX पर कारोबार शुरू हुआ, चांदी की कीमतों में कुछ ही मिनटों में 14 हजार रुपये से ज्यादा का उछाल देखने को मिला। 9 बजकर 2 मिनट पर चांदी 2,54,174 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई, जो अब तक का लाइफ टाइम हाई था। पहली बार चांदी के दाम 2.50 लाख रुपये के पार पहुंचे, जिससे निवेशकों में उत्साह का माहौल बन गया।
हालांकि रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के तुरंत बाद निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू कर दी। बड़े निवेशकों और ट्रेडर्स ने ऊंचे स्तरों पर प्रॉफिट बुकिंग की, जिसका सीधा असर कीमतों पर पड़ा। देखते ही देखते चांदी के भाव फिसलने लगे और बाजार का रुख पूरी तरह बदल गया।
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MCX के आंकड़ों के मुताबिक चांदी की कीमतें अपने रिकॉर्ड हाई से करीब 8.28 फीसदी तक टूट गईं। इसका मतलब यह है कि केवल करीब तीन घंटों के भीतर चांदी के दाम में 21,054 रुपये से ज्यादा की गिरावट दर्ज की गई। दोपहर करीब 12 बजकर 20 मिनट पर चांदी 2,33,120 रुपये के स्तर तक आ गई, जो अपने आप में एक बड़ा क्रैश माना जा रहा है।
दोपहर 1 बजकर 55 मिनट तक चांदी में कुछ संभलाव देखने को मिला, लेकिन तब भी यह अपने उच्चतम स्तर से काफी नीचे कारोबार कर रही थी। इस समय चांदी 2,634 रुपये की गिरावट के साथ 2,37,153 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास ट्रेड कर रही थी। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन चांदी 2,39,787 रुपये पर बंद हुई थी।
चांदी की कीमतों में इस गिरावट के पीछे अंतरराष्ट्रीय बाजार की बड़ी भूमिका रही। सोमवार को वैश्विक बाजार में चांदी पहली बार 80 डॉलर प्रति औंस के पार पहुंची थी। लेकिन इसके बाद वहां भी जोरदार मुनाफावसूली देखने को मिली और कीमतें 75 डॉलर प्रति औंस से नीचे आ गईं। इसका असर सीधे भारतीय वायदा बाजार पर पड़ा।
जानकारों के मुताबिक रूस और यूक्रेन के बीच एक बार फिर शांति वार्ता की संभावनाएं बढ़ने से सुरक्षित निवेश यानी सेफ हेवन डिमांड में कमी आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच संभावित शांति समझौते को लेकर सकारात्मक संकेत मिले हैं। ट्रंप ने बयान दिया कि दोनों देश युद्ध समाप्त करने के काफी करीब पहुंच गए हैं। इससे कीमती धातुओं पर दबाव बना।
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बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी में आई इस तेज गिरावट की सबसे बड़ी वजह प्रॉफिट बुकिंग है। जब कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचती हैं, तो निवेशक मुनाफा सुरक्षित करने के लिए बिकवाली करते हैं। इसी वजह से चांदी में भारी दबाव देखने को मिला और भाव तेजी से नीचे आए।
हालांकि इस बड़ी गिरावट के बावजूद चांदी ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। मौजूदा साल में चांदी अब तक करीब 180 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दे चुकी है। वहीं सिर्फ मौजूदा महीने में ही चांदी ने निवेशकों को लगभग 40 फीसदी का रिटर्न दिया है, जो किसी भी एसेट क्लास के लिए बेहद मजबूत माना जाता है।