देश में सोने और चांदी की कीमतों ने ऐतिहासिक ऊंचाई छू ली है। 24 कैरेट सोना 1,39,940 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी 2,40,935 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। निवेशकों के लिए यह मुनाफे का अवसर है, जबकि आम लोगों के लिए महंगाई बढ़ी है।

सोने-चांदी की चमक (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
New Delhi: देश में सोने और चांदी की कीमतों ने ऐतिहासिक स्तर को छू लिया है। लगातार बढ़ती मांग और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों के कारण 24 कैरेट सोने की कीमत अब 1,39,940 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच चुकी है, जबकि चांदी 2,40,935 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर कारोबार कर रही है। यह अब तक का सबसे ऊंचा स्तर माना जा रहा है। सर्राफा बाजार और वायदा बाजार दोनों में सोना-चांदी की चमक ने निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है, लेकिन आम जनता की जेब पर इसका सीधा असर पड़ रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सोने और चांदी में यह तेजी कई कारकों की वजह से है। सबसे पहले, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, विशेष रूप से अमेरिका और यूरोप में बढ़ती मुद्रास्फीति और वित्तीय बाजार में अस्थिरता ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश की तलाश में सोने-चांदी की ओर मोड़ दिया है। दूसरा, डॉलर की कमजोरी भी भारतीय बाजार में कीमतों को बढ़ाने वाला अहम कारण बनी हुई है। जब डॉलर कमजोर होता है, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने की कीमतों में वृद्धि होती है और इसका असर भारतीय बाजार पर भी पड़ता है। तीसरा, निवेशकों की बढ़ती मांग और सुरक्षित निवेश की प्रवृत्ति भी कीमतों को रिकॉर्ड स्तर तक ले गई है।
सर्राफा बाजार में गोल्ड और सिल्वर की चमक देखने लायक है। ज्यादातर ज्वैलर्स ने कहा है कि यह तेजी उनके व्यवसाय के लिए फायदेमंद साबित हो रही है क्योंकि ग्राहकों की तरफ से उच्च मूल्य पर भी खरीदारी की मांग बनी हुई है। वहीं दूसरी ओर, घरेलू खरीदारों के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण है। शादी, त्योहार और अन्य अवसरों पर सोने-चांदी की खरीदारी महंगी हो गई है, जिससे आम लोगों की बचत पर असर पड़ रहा है।
वायदा बाजार में भी यह तेजी दिखाई दे रही है। निवेशक भविष्य में सोने और चांदी की कीमतों में और बढ़ोतरी की उम्मीद में वायदा कॉन्ट्रैक्ट खरीद रहे हैं। बैंकिंग और निवेश संस्थानों के अनुसार, सोने और चांदी की लगातार बढ़ती कीमतें निवेशकों को अलर्ट कर रही हैं कि सही समय पर खरीद-बिक्री करना जरूरी है।
विशेषज्ञों ने यह भी कहा है कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में आर्थिक अनिश्चितता बनी रहती है और डॉलर कमजोर रहता है, तो आने वाले हफ्तों और महीनों में सोने और चांदी की कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है। इसके चलते निवेशकों को मौका भी मिलेगा और जोखिम भी। वहीं घरेलू खरीदारों के लिए यह एक संकेत है कि बड़े अवसरों पर सोना-चांदी की खरीदारी योजना बनाते समय कीमतों को ध्यान में रखना जरूरी है।
हालांकि, निवेशकों के लिए यह समय लाभ का हो सकता है। निवेशक इस तेजी का फायदा उठाकर सोने और चांदी में सुरक्षित निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा, सोना और चांदी पर निर्भर करने वाले छोटे व्यवसायों और ज्वैलर्स के लिए भी यह एक लाभदायक स्थिति है। हालांकि, आम नागरिकों के लिए खर्च बढ़ने की संभावना है, खासकर त्योहारों और शादी के मौसम में।
इस पूरी स्थिति को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि सोना और चांदी की बढ़ती कीमतें न सिर्फ निवेशकों के लिए अवसर प्रस्तुत कर रही हैं, बल्कि आम लोगों के लिए सावधानी और योजना की जरूरत भी पैदा कर रही हैं। निवेशकों को चाहिए कि वे बाजार के रुझान और विशेषज्ञों की राय को ध्यान में रखते हुए अपने निवेश निर्णय लें।