देहरादून: राष्ट्रीय सुरक्षा और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए देहरादून में नागरिक सुरक्षा संगठन (सिविल डिफेंस) पूरी तरह से सतर्क और तैयार है। वर्तमान में देहरादून क्षेत्र में सिविल डिफेंस के सभी 28 वार्डन एनआईवीएच (राष्ट्रीय दृष्टि बाधित संस्थान) परिसर में 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात हैं। आपातकालीन स्थितियों में सायरन बजाकर जनता को सचेत करने के उद्देश्य से इन्हें तैनात किया गया है।
इलेक्ट्रिक सायरन की व्यवस्था की गई
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, टीम को सीधे कंट्रोल रूम से सूचना मिलते ही सायरन बजाने के आदेश हैं। इस कार्य के लिए न केवल इलेक्ट्रिक सायरन की व्यवस्था की गई है, बल्कि जरूरत पड़ने पर हाथ से संचालित होने वाले सायरन भी तैयार रखे गए हैं, ताकि किसी भी परिस्थिति में संचार बाधित न हो।
तैनात टीमों के साथ लगातार संपर्क
इन सायरन का पहली बार 8 मई 2025 को मॉक ड्रिल के तहत इस्तेमाल किया गया, जिसमें टीम की तत्परता और तकनीकी समन्वय की समीक्षा भी की गई। टीम का नेतृत्व आनंद गुसाईं कर रहे हैं, जिनके आदेश पर सभी वार्डन समय पर अपनी ड्यूटी कर रहे हैं। वहीं, आई.सी.ओ. विनोद यादव और लोकेश गर्ग पूरे क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं और विभिन्न बिंदुओं पर तैनात टीमों के साथ लगातार संपर्क में हैं।
विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात
नागरिक सुरक्षा संगठन की यह टीम न केवल देहरादून बल्कि देश भर के विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में आम जनता की समय पर मदद की जा सके। सायरन बजने की सूचना कंट्रोल रूम से ‘हॉटलाइन’ के माध्यम से दी जाती है, जो एक तत्काल और प्रभावी संचार प्रणाली है।
हमारी टीम हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार
आपात स्थितियों में मुख्य रूप से हैंड सायरन का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां बिजली बाधित हो सकती है या तकनीकी समस्या हो सकती है। एनआईवीएच में पोस्ट वार्डन ममता नायर और सेक्टर वार्डन कमल थापा भी सक्रिय रूप से ड्यूटी पर तैनात हैं। ममता नायर कहती हैं, “हमारी टीम हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है, और आम जनता की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।” बता दें कि भारत पाकिस्तान के बीच जारी जंग से दोनों के बीच हालात नाजुक बने हुए है।

