बाराबंकी वासियों की किसने उड़ाई नींद, सातवें आसमान पर पहुंचा गुस्सा; आने वाली है बड़ी आफत!

मसौली क्षेत्र की लगातार बिजली कटौती से परेशान ग्रामीणों ने प्रशासन को चेताया है। अगर 5 दिन में व्यवस्था नहीं सुधरी, तो होगा घेराव और ज़ोरदार प्रदर्शन। क्या बिजली विभाग मानेगा ग्रामीणों की बात, या एक और टकराव की दस्तक सामने है

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 29 July 2025, 8:01 PM IST

Barabanki: बाराबंकी जिले के मसौली विद्युत वितरण उपखंड के खिलाफ जनमानस समाज सेवा संस्था और क्षेत्रीय ग्रामीणों का आक्रोश अब प्रशासनिक गलियारों तक पहुंच चुका है। क्षेत्र में गर्मी अपने चरम पर है और बिजली की आपूर्ति सबसे निचले स्तर पर। हालात ये हैं कि जकरिया फीडर द्वारा दिन में बमुश्किल 10-12 घंटे बिजली दी जा रही है, वो भी टुकड़ों में।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार,  दिन के समय में 3 से 4 घंटे की बिजली मिलती है, जबकि रात को सात बजे से लेकर एक बजे तक केवल 20-30 मिनट के अंतराल में बिजली बार-बार कटती रहती है। इससे न केवल आम जनजीवन प्रभावित हुआ है, बल्कि छात्रों की पढ़ाई भी ठप हो गई है। इन्हीं समस्याओं से परेशान होकर जनमानस समाज सेवा संस्था के कार्यकर्ता और ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंकित यादव ने ज्ञापन के माध्यम से प्रशासन को पांच दिन की चेतावनी दी है।

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि आगामी पांच दिनों में बिजली की आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ, विशेषकर रात की बार-बार कटौती बंद नहीं हुई, तो 3 अगस्त (रविवार) को विद्युत वितरण उपखंड मसौली का घेराव किया जाएगा।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि विरोध प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा, लेकिन यदि प्रशासन या बिजली विभाग द्वारा कोई अव्यवस्था या बल प्रयोग हुआ, तो उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी खुद प्रशासन की होगी।

इस विरोध में केवल संस्था के कार्यकर्ता ही नहीं, बल्कि ग्रामीण भी बड़ी संख्या में साथ हैं। मौके पर मौजूद लोगों में पंकज कुमार, कुलदीप कुमार, प्रदीप कुमार, रिंकू जकरिया, अंबर नसीरपुर, अरुण राजापुर, प्रमोद राजापुर, रोहित राजापुर, सुशील राजापुर, रिंकू जलीलपुर सहित कई अन्य नागरिक शामिल रहे।

ग्रामीणों का कहना है कि वे कई बार बिजली विभाग से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन केवल आश्वासन ही मिले हैं। कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं की गई है।

गर्मी के इस दौर में जब बिजली ही नहीं मिल रही, तो पंखा, कूलर, पानी की मोटर तक चलाना मुश्किल हो गया है। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं सबसे अधिक प्रभावित हैं।

जनमानस समाज सेवा संस्था का यह कदम एक बड़ा जनआंदोलन बनने की ओर बढ़ रहा है, जिसकी गूंज जिले की सीमाओं से बाहर भी सुनाई दे सकती है। प्रशासन के सामने अब दो विकल्प हैं—या तो तत्काल बिजली व्यवस्था दुरुस्त की जाए, या फिर एक बड़े जनविरोध के लिए तैयार रहा जाए।

Location : 
  • Barabanki

Published : 
  • 29 July 2025, 8:01 PM IST

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