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भाई ने बेची पुश्तैनी ज़मीन, विरोध करने पर की मारपीट, कार्यवाही के लिए सिंदुरिया थाना का चक्कर काट रही पीड़िता

सिंदुरिया थाना क्षेत्र की एक महिला ने अपने सगे भाई पर पुश्तैनी ज़मीन को धोखाधड़ी से बेचने और विरोध करने पर मारपीट करने का गंभीर आरोप लगाया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: अरुण गौतम
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भाई ने बेची पुश्तैनी ज़मीन, विरोध करने पर की मारपीट, कार्यवाही के लिए सिंदुरिया थाना का चक्कर काट रही पीड़िता

महराजगंज: सिंदुरिया थाना क्षेत्र की एक महिला ने अपने सगे भाई पर पुश्तैनी ज़मीन को धोखाधड़ी से बेचने और विरोध करने पर मारपीट करने का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता रेशमा खातून, निवासी मिठौरा बाजार ने बताया कि उसकी शादी ग्राम बैरवा जंगल, थाना नौतनवा क्षेत्र में आज़ाद अहमद से हुई थी। वह और उसकी बहन, दोनों बेहद गरीब परिवार से हैं। भाइयों ने आपसी सहमति से पिता ने मिठौरा बाजार में दोनों बहनों को रहने के लिए दो-दो डिसमिल ज़मीन दी थी, जिस पर दोनों बहनों ने अपने छोटे-छोटे मकान बनवाए और वर्षों से वहीं निवास कर रही थीं।

भाई ने धोखे से बेची पुश्तैनी जमीन
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार रेशमा खातून ने बताया कि रोजी-रोटी के लिए वह और उसके पति मुंबई चले गए थे। इस दौरान उनका एक भाई, नियाज अहमद, ने धोखाधड़ी से रेशमा के हिस्से का मकान एक व्यक्ति नामवर के हाथों बेच दिया। जब रेशमा को इस बात की जानकारी हुई और उसने भाइयों से पूछताछ की, तो पता चला कि पाँच भाइयों में से चार को इस बिक्री की कोई जानकारी नहीं थी। केवल नियाज अहमद ही इस सौदे में शामिल था। रेशमा के विरोध करने पर नियाज ने जवाब दिया, “जमीन हमारी है, हम जो चाहें करेंगे,” और धमकी दी कि ज़्यादा बोलोगी तो मारपीट कर भगा देंगे।

सिंदुरिया थाना में नही हुई सुनवाई
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार  पीड़िता का आरोप है कि गांव स्तर पर कई बार पंचायत बुलाई गई, लेकिन नियाज और खरीदार पक्ष ने किसी भी समझौते को मानने से इनकार कर दिया। मामला यहीं नहीं रुका बीते 3 मई की रात को नियाज अहमद, उसकी पत्नी और नामवर ने मिलकर रेशमा और उसकी बहन जमीला के साथ गंभीर मारपीट की, जिससे दोनों बहनों को काफी चोटें आईं। पीड़िता ने जब इस घटना की शिकायत सिंदुरिया थाने में की, तो वहां भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। उल्टा थानेदार ने पीड़िता पर ही आरोप लगा दिया।

पीड़िता पहुंची एसपी के पास
रेशमा ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक से भी मुलाकात की, और थाने पर कोई कार्यवाही न होने की शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। पीड़िता का कहना है कि यदि प्रशासन ने शीघ्र न्याय नहीं दिया, तो वह उच्च अधिकारियों से लेकर न्यायालय तक गुहार लगाएगी।

यह मामला न केवल पारिवारिक विश्वासघात का है, बल्कि महिलाओं के अधिकारों के हनन और ग्रामीण क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करता है।

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