Lucknow: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) ने राज्य के सभी माध्यमिक विद्यालयों (कक्षा 9 से 12) में पारदर्शिता और अनुशासन बढ़ाने के उद्देश्य से एक नई उपस्थिति प्रणाली लागू कर दी है। अब छात्रों और शिक्षकों की हाजिरी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से दर्ज की जा रही है। यह नई व्यवस्था 1 जुलाई 2025 से प्रदेशभर में अनिवार्य रूप से लागू कर दी गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस कदम से न सिर्फ छात्रों की नियमितता बढ़ेगी, बल्कि यह स्कूलों में अनुशासन सुनिश्चित करेगा। जो छात्र सिर्फ नामांकन कराकर स्कूल नहीं आते या लगातार बिना सूचना के अनुपस्थित रहते हैं, उनके लिए यह प्रणाली अनुशासन का माध्यम बनेगी।
बोर्ड परीक्षा को लेकर भी बदला नियम
नई व्यवस्था के तहत बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए छात्रों की कम से कम 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी, और इसकी गणना ऑनलाइन उपस्थिति रजिस्टर से की जाएगी। इससे उपस्थिति का पूरा रिकॉर्ड पारदर्शी और डिजिटल होगा, जिसे बोर्ड द्वारा सत्यापित किया जा सकेगा।
शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की आपत्ति
हालांकि इस तकनीकी पहल पर कुछ शिक्षकों और प्रधानाचार्यों ने चिंता भी जताई है। उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में बड़ी संख्या में गरीब और मजदूर परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं, जो पढ़ाई के साथ-साथ जीवनयापन के लिए मजदूरी या अन्य कार्य भी करते हैं।
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उनके अनुसार, “कई बार ये छात्र हफ्ते में एक या दो दिन ही स्कूल आ पाते हैं, या समय पर नहीं पहुंच पाते। ऐसे में अगर उनकी उपस्थिति 75% से कम रही, तो वे बोर्ड परीक्षा के एडमिट कार्ड से वंचित हो सकते हैं।” इस समस्या को ध्यान में रखते हुए सुशील कुमार सिंह ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर इस प्रणाली पर पुनर्विचार करने की मांग की है।
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