Site icon Hindi Dynamite News

तेलंगाना में बन रहा विश्व का पहला ‘थ्री-डी प्रिंटेड’ मंदिर,जानिये पूरा अपडेट

विश्व का पहला ‘थ्री-डी प्रिंटेड’ हिंदू मंदिर तेलंगाना में बनाया जा रहा है। शहर की रियल एस्टेट कंपनी अप्सुजा इंफ्राटेक, सिद्दिपेट के बुरुगुपल्ली में 3,800 वर्ग फुट क्षेत्र में इसका निर्माण कर रही है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
Published:
तेलंगाना में बन रहा विश्व का पहला ‘थ्री-डी प्रिंटेड’ मंदिर,जानिये पूरा अपडेट

हैदराबाद: विश्व का पहला ‘थ्री-डी प्रिंटेड’ हिंदू मंदिर तेलंगाना में बनाया जा रहा है। शहर की रियल एस्टेट कंपनी अप्सुजा इंफ्राटेक, सिद्दिपेट के बुरुगुपल्ली में 3,800 वर्ग फुट क्षेत्र में इसका निर्माण कर रही है।

अप्सुजा इंफ्राटेक इस परियोजना के लिए ‘थ्री-डी प्रिंटेड’ निर्माण कंपनी सिम्पलीफोर्ज क्रिएशंस की मदद ले रही है और चारविथा मीडोज परियोजना क्षेत्र में इस मंदिर का निर्माण किया जा रहा है।

अप्सुजा इंफ्राटेक के प्रबंध निदेशक हरि कृष्णा जीदीपल्ली ने बताया, ‘‘ढांचे के अंदर तीन गर्भगृह मोदक के प्रतीक हैं, जो भगवान गणेश को प्रिय माना जाता है। एक शिवालय है और, कमल की आकृति का एक कक्ष देवी पार्वती के लिए है।’’

मार्च में सिम्पलीफोर्ज क्रिएशंस ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), हैदराबाद के साथ मिलकर दो घंटे से भी कम समय में भारत का प्रथम ‘प्रोटोटाइप’ पुल निर्मित किया था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सिम्पलीफोर्ज क्रिएशंस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ध्रुव गांधी ने बताया, ‘‘इसे भी चारविथा मीडोज, सिद्दिपेट में अंतिम रूप दिया गया था। अवधारणा और डिजाइन प्रोफेसर केवीएल सुब्रमण्यम और आईआईटी हैदराबाद के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के उनके अनुसंधान समूह ने तैयार की। भार उठाने की क्षमता की जांच करने के बाद इसका उपयोग अब मंदिर के चारों ओर स्थित बगीचे में पैदल यात्रियों के पुल के लिए किया जा रहा है।’’

परियोजना स्थल पर अभी कमल की आकृति के मंदिर को निर्मित करने का कार्य किया जा रहा है।

जीदीपल्ली ने बताया, ‘‘शिवालय और मोदक का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के साथ, दूसरे चरण में कमल का ढांचा और गोपुरम का निर्माण कार्य जारी है।’’

गांधी ने कहा, ‘‘हम पहले ही साबित कर चुके हैं कि गणेश मंदिर को आकार देना पारंपरिक तकनीक से लगभग असंभव था लेकिन इसे थ्री-डी प्रौद्योगिकी के जरिये आसानी से किया जा सका। अब, कमलनुमा ढांचे का निर्माण एक बार फिर निर्माण उद्योग में थ्री-डी प्रिंटिंग के उपयोग से विश्व को अवगत कराएगा।’’

Exit mobile version