DN Exclusive वाराणसी: पीएम के संसदीय कार्यालय से बैरंग लौट रहे फरियादी, बढ़ रहा आक्रोश

अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिये संसदीय कार्यालय का शुभारंभ कर एक शानदार पहल की लेकिन यहां फरियादियों की समस्याएं सुनने वाले पीएम के प्रतिनिधियों की अनुभवहीनता के कारण शिकायतों का अपेक्षित निवारण नहीं हो पा रहा है, जिस कारण फरियादियों का भारी असंतोष बढ रहा है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 27 April 2018, 7:53 PM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र में जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिये संसदीय कार्यालय का शुभारंभ कर एक नेक पहल की। मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को इस कार्यालय में बैठकर जनता की समस्याओं का शीघ्र समाधान करने के भी निर्देश दिये गये हैं लेकिन इसे नेताओं की अनुभवहीनता कहें या फिर शिकायतों का अंबार कि यहां जनसमस्याओं का निराकरण करना पीएम के प्रतिनिधियों के लिये टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। ऐसे में अंसतुष्ट फरियादियों की तादाद बढ़ती जा रही है और शिकायतों की सुनवाई न होने से उनमें काफी रोष भी देखा जा रहा है। 

 

 

गौरतलब है कि संसदीय कार्यालय के शुभारंभ के बाद एक यहां लिस्ट बनाई गई थी, जिसमें हर शनिवार और बुधवार को बैठने वाले क्षेत्रीय विधायक व राज्यमंत्री के नाम थे। 

डाइनामाइट न्यूज़ ने जब इस कार्यालय का जायजा लिया तो देखा कि समस्याओं को लेकर आये फरियादियों कई बार आक्रोशित हो लड़ झगड़ पडते हैं। अलग-अलग तरह की पेंचीदगी भरी शिकायतें लेकर लोग यहां आते है, कुछ शिकायतें तकनीकी तौर पर कार्यालय में बैठने वाले नेताओं के अधिकार क्षेत्र से भी बाहर की होती हैं या कानूनी तरीके से निपटाने वाली होती हैं। ऐसे में यहां बैठने वाले नेता.. फरियादियों को अक्सर टाल देते हैं और संतुष्ट करने में नाकाम रहते हैं, जिस कारण फरियादियों गुस्सा हो उठते हैं। 

बीते शनिवार को नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना प्रधानमन्त्री के संसदीय कार्यलय पर जन सुनवाई कर रहे थे। इस दौरान रविन्द्र पांडेय नामक फरियादी अपनी समस्या के समाधान के लिए यहां पहुंचा था, समस्या का निदान न होने के कारण वह भड़क उठा। शहर उत्तरी के विधायक रविन्द्र जायसवाल ने उसे समझा-बुझाकर किसी तरह मामले को शांत कराया।  

 

 

इसके अलावा प्रधानमन्त्री के संसदीय कार्यलय में शिकायत लेकर पहुंचे दिलीप सिंह, सुमन चंद बाल्मीकि और महेश भारती ने बताया कि वे यहाँ पर लगातार अपनी समस्याएं लेकर आ रहे हैं, लेकिन कई चक्कर लगाने के बाद भी उनकी समस्या का कोई भी समाधान नहीं हुआ है। उनका कहना है कि हम लोगों को बार-बार आश्वासन देकर ही वापस भेज दिया जाता है, यदि हाल ऐसा ही रहा तो इस सिस्टम से हमारा भरोसा उठ जायेगा।   

Published : 
  • 27 April 2018, 7:53 PM IST

No related posts found.