लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने राज्य की राजधानी लखनऊ के अहिमामऊ क्षेत्र में नहर से लगी हुई सिंचाई विभाग की जमीन पर एक निजी डेवलपर द्वारा कथित अवैध कब्जे के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को जांच और विवेचना की पूरी स्वतंत्रता दी है।
अदालत ने कहा है कि सीबीआई को जांच/विवेचना के लिए किसी भी प्राधिकारी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की पीठ ने सुनवाई की अगली तारीख छह जुलाई तय की है।
इससे पहले अदालत को अवगत कराया गया था कि राज्य सरकार के अधिकारियों और लखनऊ विकास प्राधिकरण की मिलीभगत से एक नहर की जमीन पर अंसल प्रोपर्टीज ने अवैध कब्जा किया था।
इसका एक हिस्सा कथित तौर पर सिटी मॉन्टेसरी स्कूल को दे दिया गया था जहां एक भव्य इमारत खड़ी की गई थी। पीठ ने सीबीआई को मामले की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था।

