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अमेरिकी सांसदों, भारतीय अमेरिकियों ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले की निंदा की

अमेरिकी सांसदों और प्रभावशाली भारतीय अमेरिकियों ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले की घटना की निंदा की है और इस ‘‘आपराधिक कृत्य’’ में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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अमेरिकी सांसदों, भारतीय अमेरिकियों ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले की निंदा की

वाशिंगटन: अमेरिकी सांसदों और प्रभावशाली भारतीय अमेरिकियों ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास पर हमले की घटना की निंदा की है और इस ‘‘आपराधिक कृत्य’’ में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

अमेरिकी सांसदों और प्रभावशाली भारतीय अमेरिकियों ने भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू के खिलाफ ‘‘हिंसक बयानबाजी’’ की भी निंदा की और कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हिंसा भड़काने अथवा संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का लाइसेंस नहीं है।

खालिस्तान समर्थकों ने ट्विटर पर दो जुलाई की तारीख वाला एक वीडियो सार्वजनिक किया जिसमें सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में आगजनी की घटना दिखाई गई है।

इस वीडियो में ‘‘हिंसा से हिंसा पैदा होती है’’ जैसे वाक्य लिखे हैं। इसमें कनाडा में खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) प्रमुख हरदीप सिंह निज्जर की मौत से जुड़ी खबरों को भी दिखाया गया है।

निज्जर भारत के सर्वाधिक वांछित आतंकवादियों में से एक था और उस पर 10 लाख रुपये का नकद इनाम था। पिछले महीने कनाडा में एक गुरुद्वारे के बाहर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सांसद रो खन्ना और माइकल वाल्ट्ज ने एक संयुक्त बयान में कहा कि राजनयिक प्रतिष्ठानों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम ‘इंडिया कॉकस’ के सह अध्यक्ष होने के नाते सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास में आगजनी तथा तोड़फोड़ की घटना तथा सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे उन पोस्टरों की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं जिनमें भारतीय राजदूत तरणजीत संधू सहित भारतीय राजनयिकों के खिलाफ जहर उगला जा रहा है।’’

सांसदों ने संयुक्त बयान में कहा, ‘‘हम प्रत्येक अमेरिकी के लिए बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का समर्थन करते हैं, लेकिन यह संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या हिंसा भड़काने का लाइसेंस नहीं है। राजनयिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ हिंसा अपराध है और इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम विदेश मंत्रालय से अनुरोध करते हैं कि वह भारतीय वाणिज्य दूतावास में हुए नुकसान की जांच में कानून प्रवर्तन के साथ समन्वय करे और इसमें शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराए।’’

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