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झारखंड विधानसभा में हंगामा, सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष पर नहीं बोलने देने का आरोप लगाने को लेकर भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के खिलाफ विधायकों की ओर से कार्रवाई किये जाने की मांग के बाद सदन में बृहस्पतिवार को जबरदस्त हंगामा देखने को मिला जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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झारखंड विधानसभा में हंगामा, सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित

रांची:  झारखंड विधानसभा अध्यक्ष पर नहीं बोलने देने का आरोप लगाने को लेकर भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के खिलाफ विधायकों की ओर से कार्रवाई किये जाने की मांग के बाद सदन में बृहस्पतिवार को जबरदस्त हंगामा देखने को मिला जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने आसन के सामने आकर विरोध जताया और विधायक के आरोपों को सदन की कार्यवाही से हटाने की मांग की।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक Bइरफान अंसारी और उमाशंकर अकेला समेत कांग्रेस के कुछ विधायक भी भाजपा के खिलाफ नारे लगाते हुए आसन के करीब आ गए, जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर साढ़े 12 बजे तक स्थगित कर दी गई।

स्थगन से पहले सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11:20 बजे तक केवल सात मिनट चली। विरोध प्रदर्शन के कारण लगातार पांचवें दिन प्रश्नकाल में कोई कामकाज नहीं हो सका।

इससे पहले दिन में पूर्वाह्न 11:13 बजे जब दिन का कामकाज शुरू हुआ तो पोरेयाहाट से विधायक प्रदीप यादव ने दावा किया कि राजधनवार से विधायक बाबूलाल मरांडी ने मीडिया में आरोप लगाया है कि विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें सदन में बोलने की अनुमति नहीं दी।

यादव ने कहा कि यह पीठ की अवमानना है और मरांडी के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। इस आरोप के बाद हंगामे के चलते 11:20 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।

इसके बाद जब 12:35 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायक स्टीफन मरांडी ने एक बार फिर यह मुद्दा उठाया, जिसके लिए मंत्री आलमगीर आलम, विधायक प्रदीप यादव और इरफान अंसारी ने उनका समर्थन किया। उन्होंने मरांडी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

इसके बाद भी हंगामा चलता देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर दो बजे सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई और गैर-सरकारी विधेयक पेश किए गए।

 

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