गोरखपुर: यूपी सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि गोरखपुर मेडिकल कालेज में बच्चों की मौत आक्सीजन की कमी के कारण नही हुई है।
राज्य सरकार का यह बयान गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला के बयान के आधार पर है जो इस घटना के सामने आने के बाद से ही तरह-तरह के बयान देकर मामले की लीपा-पोती में जुटे हुए हैं।
राज्य सरकार के बयान का सबसे हास्यास्पद पहलू यह है कि 30 से ज्यादा मौतों के बावजूद सरकारी बयान में कहा गया है कि महज 7 मौतें हुई है वो भी विभिन्न चिकित्सीय कारणों से।
महज 68 लाख रुपये के भुगतान न होने की वजह से आक्सीजन की सप्लाइ रोक दी जाती है और काल के गाल में 30 मासूम समा जाते हैं। योगी के गृह जनपद में मौत के इस तांडव ने प्रशासन के मुंह पर करारा तमाचा जड़ा है। डाइनामाइट न्यूज़ ने इस खबर को सबसे पहले देश के सामने लाने का काम किया, इसके बाद तो मानो हड़कंप ही मच गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महज दो दिन पहले ही गोरखपुर के उसी बीआरडी मेडिकल कॉलेज का दौरा किया था जहां यूपी के शासन-प्रशासन की लापरवाही के कारण 30 जिंदगियां अकाल मौत के मुंह चली गयी।

