चेन्नई: तमिलनाडु वन विभाग ने शनिवार को कहा कि छह मृत बाघ शावकों की माताओं की पहचान की कोशिश डीएनए विश्लेषण के जरिये की जा रही है, जबकि नीलगिरि के एवलांच में दो बाघों की मौत जहरखुरानी की वजह से हुई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की विशेषज्ञों की एक टीम ने इस साल अगस्त और सितंबर में छह शावकों समेत 10 बाघों की मौत के सिलसिले में 25 सितंबर को विस्तृत क्षेत्रीय मूल्यांकन किया। उस टीम ने ‘अपनी टिप्पणियों और निष्कर्ष’ में मौतों की वजह पर गौर किया।
एक सरकारी बयान कहा गया है कि एनटीसीए दल ने एवलांच में दो बाघों की मौत का कारण जहरखुरानी बतााया है। बयान के अनुसार, ‘‘यह जहरखुरानी का स्पष्ट मामला है, एक पीड़ित व्यक्ति ने ‘प्रतिशोध स्वरूप उन्हें’ मार डाला और उस व्यक्ति को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।’’
सेगुर क्षेत्र में दो शावकों की मौत के संभावित कारण के बारे में एनटीसीए टीम ने कहा कि यह दोनों शावकों की ‘कमजोर स्वास्थ्य स्थिति’ के कारण हो सकता है, फलस्वरूप उसकी मां ने उन्हें छोड़ दिया होगा।

