मणिपुर में निकला आदिवासी एकता मार्च, हजारों लोगों ने लिया हिस्सा, जानिए क्या है उनकी मांग

मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए छात्रों के एक संगठन द्वारा आहूत ‘आदिवासी एकता मार्च’ में बुधवार को हजारों लोग शामिल हुए।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 3 May 2023, 5:48 PM IST

इम्फाल: मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए छात्रों के एक संगठन द्वारा आहूत ‘आदिवासी एकता मार्च’ में बुधवार को हजारों लोग शामिल हुए।

संगठन ने राज्य के सभी दस पहाड़ी जिलों के लोगों से मार्च में शामिल होने का आह्वान किया था।

‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर’ (एटीएसयूएम) ने कहा कि मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग जोर पकड़ रही है, जिसके खिलाफ उसने मार्च आहूत किया है।

छात्र संगठन ने कहा कि राज्य के जनप्रतिनिधि खुले तौर पर मैतेई की मांग का समर्थन कर रहे हैं और आदिवासी हितों की सामूहिक रूप से रक्षा करने के लिए उचित उपाय किए जाने की आवश्यकता है।

उल्लेखनीय है कि मैतेई मणिपुर के पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं, जो राज्य के क्षेत्रफल का लगभग दस प्रतिशत है। समुदाय का दावा हैं कि म्यांमा और बांग्लादेशियों के बड़े पैमाने पर अवैध अप्रवासन के चलते उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

दूरदराज पहाड़ी क्षेत्रों के आदिवासी ग्रामीण मार्च में भाग लेने के लिए बसों और खुले ट्रकों में निकटतम पहाड़ी जिला मुख्यालय पहुंचे।

पुलिस ने कहा कि आदिवासी समुदाय के हजारों लोग मार्च में शामिल हुए, जिन्होंने तख्तियां लहराईं और मैतेई समुदाय को एसटी दर्जे का विरोध जताते हुए नारेबाजी की।

Published : 
  • 3 May 2023, 5:48 PM IST

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