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अराजकता की सनक लोकतंत्र के संकल्प को बंधक नहीं बना सकती

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने लोकसभा की दर्शक दीर्घा से दो लोगों के सदन में कूदने की घटना की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को कहा कि ‘‘सामंती अराजकता की सनक’’ संवैधानिक लोकतंत्र के संकल्प को बंधक नहीं बना सकती। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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अराजकता की सनक लोकतंत्र के संकल्प को बंधक नहीं बना सकती

नयी दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने लोकसभा की दर्शक दीर्घा से दो लोगों के सदन में कूदने की घटना की पृष्ठभूमि में शुक्रवार को कहा कि ‘‘सामंती अराजकता की सनक’’ संवैधानिक लोकतंत्र के संकल्प को बंधक नहीं बना सकती।

उन्होंने यहां ‘सांविधानिक तथा संसदीय अध्ययन संस्थान’’ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में यह भी कहा कि संवैधानिक अधिकारों के तंत्र और कर्तव्यों के मंत्र से ही भारत विश्व का महानतम जनतंत्र बना है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार नकवी ने कहा, ‘‘संविधान की शक्ति और व्यक्ति की प्रतिबद्धता, किसी भी सामान्य भारतीय को सर्वोच्च पद पर पहुंचाने की ताक़त रखती है। हमारी संवैधानिक-जनतांत्रिक ताक़त का प्रमाण है कि एक गरीब और पिछड़े परिवार के नरेन्द्र मोदी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री चुने गए।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज सफलता का पैमाना पारिवारिक पृष्ठभूमि नहीं, बल्कि ‘परिश्रम, परिणाम और परफार्मेंस’ का लेखाजोखा है।

उनके मुताबिक, ‘‘सामंती अराजकता की सनक’’ संवैधानिक लोकतंत्र के संकल्प को बंधक नहीं बना सकती।

नकवी ने कहा, ‘‘भारत दुनिया का सर्वाधिक चुनावी प्रक्रिया से होकर गुजरने वाला देश है जहां हर दो महीने में देश का कोई न कोई भाग जनादेश की कसौटी पर कसा जाता है…भारत ने यह साबित किया है कि लोकतंत्र ही लोगों की आकांक्षाओं को पूरा कर सकता है।

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