लड़ाई: यूपी में लोकायुक्त सचिव और राज्य संपत्ति अधिकारी आपस में भिड़े
सिर्फ सीबीआई ही नही या फिर यूपी के दो आईएएस हिमांशु कुमार औऱ मिनिस्ती एस. ही नही.. राज्य में जगह-जगह जनता के प्रति जवाबदेह जिम्मेदार अफसर किसी न किसी बात पर आपस में लड़ रहे हैं। यही नही इन लोगों को इतनी भी शर्म नही कि ये अपनी लड़ाई किसी सड़कछाप की तरह चौराहे आकर मीडिया में लड़ रहे हैं। जिससे आम जनता की नज़र में सरकार की जमकर खिल्ली उड़ रही है।
लखनऊ: यूपी के राज्य सम्पत्ति विभाग द्वारा अपना टाइप 6 का आवास खाली कराये जाने को लेकर लोकायुक्त संजय मिश्रा के सचिव पंकज उपाध्याय और मुख्य जांच अधिकारी राकेश कुमार ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य सम्पति विभाग और राज्य सरकार पर आवास और संसाधन न दिये जाने के आरोप लगाये थे।
दोनों अधिकारियों ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सरकार पर आरोप लगाते हुये लोकायुक्त विभाग में संसाधनों समेत कर्मचारियों की भारी कमी बताई थी। साथ ही यह भी कहा था कि लोकायुक्त विभाग के जांच अधिकारियों को सरकारी काम से अलग अलग जिलों मे जाना पड़ता है। जिसके लिए उनको वहां ठहरने समेत लखनऊ मे स्थायी आवास भी नहीं दिया जा रहा है, ऐसे मे काम करना काफी मुश्किल हो रहा है।
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वहीं इसके जबाब में राज्य सम्पति अधिकारी योगेश शुक्ला ने उनके आरोपों का खंडन करते हुये एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 2016 में बने नये प्रावधानों के मुताबिक लोकायुक्त के लिए सरकारीआवास का कोई प्रावधान नही है। इसलिये लोकायुक्त को पूर्व में आवंटित टाइप 6 का आवास उनसे खाली करा लिया गया।
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लोकायुक्त प्रशासन के सचिव पंकज उपाध्याय और मुख्य जांच अधिकारी राकेश कुमार के अधिकार क्षेत्र पर सवाल उठाते हुये राज्य सम्पति अधिकारी योगेश शुक्ला ने कहा की दोनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सम्पति विभाग समेत राज्य सरकार पर वेवजह के आरोप लगाए हैं। राज्य संपत्ति अधिकारी ने कहा कि लोकायुक्त सचिव और सीआईओ को अधिकार नहीं है कि वह शासन और संपत्ति विभाग पर प्रतिकूल टिप्पणी करें। ऐसे में इन पर कारवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए विधिक राय ली जा रही है।