घुघली (महराजगंज): रमजानुल मुबारक के पाक महीने का पहला अशरा आज समाप्त हुआ। गुरुवार से दूसरा अशरे की शुरुआत मुस्लिम समुदाय द्वारा प्रारंभ की गई। दूसरे अशरे से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों पर डाइनामाइट न्यूज संवाददाता ने कुछ बुजुर्गों से उनकी राय ली। जिस पर उन्होंने कहा कि इस पाक पवित्र महीने में इंसान रोजा रखकर रब को राजी करता है।
बोले मौलाना
घुघली क्षेत्र के बसंतपुर मदरसा के मौलाना मेराज साहब ने संवाददाता को बताया कि पाक माह के पहले अशरे को अशरा रहमत कहा जाता है। तमाम उम्मते मुहम्मादिया ने इसको मुक्कम्मल भी किया। इसके बाद दूसरे अशरे की शुरुआत दस दिन बाद होती है।
गुरुवार से इसकी शुरुआत हुई है। इस अशरे में लोगों की मगफिरत होती है। इस पाक पवित्र महीने में इंसान रोजा रखकर रब को राजी करता है। रोजे का वास्तविक अर्थ है कि बुराईयों को समाप्त कर अच्छाईयां को अपनाया जाए।