रुपये के बेहतर प्रबंधन को लेकर आरबीआई के डिप्टी गवर्नर ने दी ये खास सलाह

भारत को विनिमय दर में उतार-चढ़ाव का प्रबंधन करने की जरूरत है, क्योंकि देश रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण और मुक्त पूंजी खाता परिवर्तनीयता के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने यह बात कही। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 9 March 2023, 6:03 PM IST

मुंबई: भारत को विनिमय दर में उतार-चढ़ाव का प्रबंधन करने की जरूरत है, क्योंकि देश रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण और मुक्त पूंजी खाता परिवर्तनीयता के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने यह बात कही।

उन्होंने यह भी कहा कि रुपये के अंतरराष्ट्रीय के अपने लाभ के साथ ही चुनौतियां और जोखिम भी हैं, जिनसे देश और आरबीआई को निपटना होगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार राव ने  काहिरा में 17वें एफईडीएआई सम्मेलन में मुख्य भाषण देते हुए कहा कि जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था बढ़ेगी और अधिक विकसित होगी, विदेशी मुद्रा बाजारों में भागीदारी का दायरा बदल जाएगा।

उन्होंने कहा, ''बाकी दुनिया के साथ अर्थव्यवस्था के बढ़ते एकीकरण के चलते प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अधिक से अधिक संस्थाओं के विदेशी मुद्रा जोखिमों के प्रभाव में आने की आशंका है। ऐसे में आर्थिक जोखिमों की हेजिंग की अनुमति देने की मांग की जा सकती है।''

उन्होंने कहा कि बाजार सहभागियों के एक नए समूह के साथ एक नया बाजार खुल गया है।

राव ने कहा कि जैसे-जैसे देश रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की राह पर आगे बढ़ेगा, और गतिशीलता आने की संभावना है और हमें इसे प्रबंधित करने के लिए कमर कसने की जरूरत है।

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  • 9 March 2023, 6:03 PM IST

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