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अमेठी: सप्त दिवसीय संगीतमय रामकथा के आखिरी दिन उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

अमेठी में आयोजित सप्त दिवसीय संगीतमय रामकथा में काशी से आये मानस मर्मज्ञ शांतनु महाराज ने राम केवट संवाद की मार्मिक कथा सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। पूरी खबर..
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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अमेठी: सप्त दिवसीय संगीतमय रामकथा के आखिरी दिन उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

अमेठी: तिलोई के ऐतिहासिक किले में संचालित राजा विश्वनाथ शरण सिंह इंटर कॉलेज में सप्त दिवसीय संगीतमय रामकथा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम विधायक राजा मयंकेश्वर शरण सिंह की अध्यक्षता में किया गया है। तिलोई की पावन सरजमीं पर संचालित रामकथा के आखिरी दिन श्रोताओं का जन सैलाब उमड़ पड़ा। श्रोताओं की भीड़ के सामने विशाल पंडाल भी छोटे पड़ गए। 

रामकथा के लिए उमड़ी लोगों की भीड़

काशी से आये मानस मर्मज्ञ शांतनु महाराज ने राम केवट संवाद की मार्मिक कथा सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कथावाचक शांतनु महाराज ने रामचरितमानस में आदिकवि तुलसीदास द्वारा लिखित चौपाई का उल्लेख करते हुए कहा कि  ‘राम कथा सुंदर करतारी, संसय विहंग उड़ावनहारी’ राम कथा शशि किरण समाना, संत चकोर करें जेहि पाना’। अर्थात सुंदर राम कथा के श्रवण मात्र से संशय रूपी पंछी उड़ जाता है अर्थात संशय दूर हो जाता है।

उन्होंने कहा कि रामकथा चंद्रमा की शीतल किरणों के समान है, जिसका अमृत रूपी रस चकोर रूपी संत सदा पान करते हैं। वहीं मानस मर्मज्ञ शांतनु महाराज ने कथा को आगे बढ़ाते हुए लोगों को भाव विभोर कर दिया। 

रामकथा के मौके पर तिलोई विधायक राजा मयंकेश्वर शरण सिंह और ब्लॉक प्रमुख कृष्ण प्रताप सिंह उर्फ मुन्ना ने अतिथियों को अंग वस्त्र भी भेंट किये।

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