कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, रेप केस में राम रहीम को 20 साल की सजा

डीएन ब्यूरो

2002 में दो साध्वियों से रेप के दोषी राम रहीम को आज सीबीआई की विशेष अदालत ने 10-10 साल की अलग-अलग सजा सुनाई। दोनों मामलों में अदालत ने दोषी राम रहीम को 15-15 लाख का जुर्माना और 14-14 लाख का हर्जाना देने के भी आदेश दिए।

राम रहीम
राम रहीम


रोहतक: 15 साल पहले 2 साध्वियों से रेप के मामले में दोषी करार दिए गए राम रहीम को आज स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने 10-10 साल की सजा सुनाई। साथ ही दोनों मामलों में अदालत ने दोषी राम रहीम को 15-15 लाख का जुर्माना और 14-14 लाख का हर्जाना देने के भी आदेश दिया। रेप के मामले में कोर्ट का यह ऐहतिहासिक फैसला है। कोर्ट ने रेप के दोनों मामलों को अलग-अलग मानते हुए सजा सुनाई। दोषी राम रहीम को 10 साल की सजा काटने के बाद दूसरी 10 साल की सजा काटनी पड़ेगी, जिसका मतलब कि कोर्ट के मौजूदा फैसले के मुताबिक दोषी को 2037 तक जेल में रहना पड़ेगा।

सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं- 376 (महिला से दुष्कर्म करने), 506 (डराने व धमकाने) और 511 सेक्शन में दोषी ठहराते हुये कुल 20 साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई गयी। राम रहीम के वकीलों ने अदालत से सजा में नरमी बरतने की भी गुहार लगाई, जिसे कोर्ट ने नहीं माना।

सीबीआई जज ने कहा कि राम रहीम का दोष सामान्य नहीं है और सजा साथ-साथ चलेगी। सीबीआई की विशेष अदालत ने राम रहीम पर 20 साल की सजा के साथ ही 30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सजा सुनने के बाद बाबा राम रहीम कोर्ट रूम में कुर्सी पकड़ कर रोये। बाद में राम रहीम का मौके पर ही मेडिकल चेकअप कराया गया। 

यह भी पढ़ें: डेरा सच्चा प्रमुख राम रहीम के विवाद की पूरी कहानी और आरोप

बाबा राम रहीम को रोहतक जेल में स्पेशल सीबीआई जज जगदीप सिंह ने सजा सुनाई। कोर्ट रूम में सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकीलों को 10-10 मिनट का वक्त दिया गया। इतने ही समय में दोनों वकीलों ने अपनी दलीलें पेश की। बताया जाता है कि सुनवाई के दौरान राम रहीम के वकीलों ने कोर्ट से सजा में कमी की मांग की, जिसे अदालत ने ठुकरा दिया।

सीबीआई ने की उम्रकैद देने की अपील

जिरह के दौरान सीबीआई ने दोषी ठहराये गये राम रहीम को अधिकतम सजा देने की कोर्ट से अपील की। सीबीआई ने अपनी दलील में कहा कि दोषी राम रहीम ने तीन साल तक रेप किया। सीबीआई ने कहा कि राम रहीम का अपराध बड़ा है, उन्होंने समाज का भरोसा तोड़ा है। इसलिये दोषी को कठोर सजा दी जानी चाहिये। सीबीआई ने दोषी राम रहीम को उम्रकैद की सजा देने की अपील की।

यह भी पढ़ें: डेरा समर्थक हुये हिंसक, कई जगह तोड़फोड़ और आगजनी

राम रहीम के वकीलों ने लगाई कम सजा की गुहार

कोर्ट रूम में राम रहीम भी अदालत से सजा में रहम की गुहार लगाने की मुद्रा में नजर आये। राम रहीम के वकीलों ने कोर्ट में दलील दी कि बाबा एक प्रमुख समाजसेवी हैं और इस लिहाज से उनको कम-से-कम सजा दी जानी चाहिये। सुनवाई के दौरान राम रहीम जज के सामने रहम की भीख मांगते नजर आये। कुछ रिपोर्टों के मुताबिक इस दौरान राम रहीम कोर्ट रूम में रोते हुये भी दिखाई दिये।

सुनारिया जेल की लाइब्रेरी बना स्पेशल कोर्ट रूम

स्पेशल सीबीआई जज जगदीप सिंह आज दोपहर पंचकूला से हेलीकाप्टर के जरिये रोहतक के सुनारिया जेल पहुंचे, जहां राम रहीम को रखा गया है। सुनारिया जेल की लाइब्रेरी में ही कोर्ट रूम बनाया गया था।

यह भी पढ़ें: हिंसा पर हाईकोर्ट सख्त, कहा- राम रहीम की संपत्ति बेचकर करें नुकसान की भरपाई

कड़े सुरक्षा के इंतजाम

अदालत द्वारा रेप केस में दोषी करार दिये जाने के बाद पंचकूला में भड़की हिंसा के मद्देनजर रोहतक जेल में कड़े सुरक्षा के प्रबंध किये गये। जेल परिसर में किसी को भी घुसने की इजाजत नहीं है और उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश पुलिस और सुरक्षा बलों को दे दिये गये। सजा सुनाने के पहले हरियाणा और पंजाब में हाई अलर्ट घोषित किया गया और यहां सेना की 28 टुकड़ियां तैनात की गई।

जेल की तीन स्तरीय सुरक्षा

राम रहीम को रोहतक के जिस सुनारिया जेल में  सजा सुनाई गयी वह जेल शहर के बाहरी क्षेत्र में स्थित है। जेल परिसर की ओर जाने वाले मार्ग पर सुरक्षा के कई अवरोधक लगाए गए। जेल से 3 किलोमीटर तक सुरक्षा बलों का कड़ा पहरा किया गया। जिले की सभी सीमाओं को सील कर दिया गया। सुनारिया जेल की तीन स्तरीय सुरक्षा की जा रही है। अर्धसैन्य बल तथा हरियाणा पुलिस को जेल की सुरक्षा में तैनात किया गया है, जबकि सेना को दिल्ली और हिसार में स्टैंडबाय रखा गया है। शहर में लगातार फ्लैग मार्च किया जा रहा है।

क्या था मामला

2002 में डेरा की एक साध्वी ने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को संबोधित एक चिट्ठी लिख कर बाबा राम रहीम के खिलाफ शिकायत की थी। इस पत्र में साध्वी ने खुद और आश्रम की दूसरी साध्वियों के साथ यौन शोषण का आरोप लगाया था। इस मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी। तब से कई चरणों में कानूनी कार्यवाही और जांच, पूछताछ के बाद आज 15 साल बाद इस मामले में अहम निर्णय आया है।










संबंधित समाचार