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पुरन्दरपुर: बेटे ने ही पिता की हत्या कर शव जंगल में फेंका, सीओ ने किया खुलासा

फरेंदा कोतवाली में सीओ धीरेंद्र कुमार उपाध्याय ने राधेश्याम की गिरफ्तारी का खुलासा किया। पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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पुरन्दरपुर: बेटे ने ही पिता की हत्या कर शव जंगल में फेंका, सीओ ने किया खुलासा

पुरन्दरपुर (महराजगंज):  पुरंदरपुर जंगल में हत्या गए फेंके गए शव का पुलिस ने पर्दाफाश किया है मृतक के बेटे ने ही अपने पिता चंद्रभान की हत्या की है। पुलिस मामले में जांच पड़ताल कर रही थी। पुलिस ने राधेश्याम को मोहनापुर से गिरफ्तार कर लिया तथा उसकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त कार को सिद्धार्थ नगर से भी बरामद कर लिया। 

फरेंदा कोतवाली में सीओ धीरेंद्र कुमार उपाध्याय ने राधेश्याम की गिरफ्तारी का खुलासा किया। गिरफ्तार राधेश्याम ने जुर्म कबूल करते हुए पुलिस से कहा कि कलीमुल्लाह के मोबाइल पर कई बार सम्पर्क किय जब वह नहीं पहुंचा तब मै अपनी मोटरसाइकिल लेकर स्वंय वर्डपुर गया। जहां पर कलीमुल्लाह को साथ लेकर कचहरी गेट के पास पहुंचा। कलीमुल्लाह को अल्टो कार की चाभी देकर मैं व मेरा लडका सन्तोष पिता चन्द्रमान के कचहरी से निकलने का इंताजर करने लगे। लगभग 2.30 बजे पिता जी जब कचहरी से निकले तब मैने उन्हें अपनी गाडी अल्टो कार में बैठाया और कहा कि चलो पीपीगंज टावर वाले से बात करना है। मेरा मकसद सिर्फ इतना था कि टावर लगाने के बहाने पिता को गोरखपुर ले जाकर आनलाईन मैन्टल सार्टिफिकेट बनवा दूं। जिससे की मेरे पिता जी छोटे भाई की पत्नी को खेत ना लिख सके। जब पिता को लेकर हम उसका बाजार पहुंचे उसी समय मेरे छोटे बहनोई छोटेलाल का फोन आया और पिता जी से बहनोई ने फोन पर कहा कि पुष्पा की विदाई कर दीजिए तब पिता ने कहा कि कुछ चूरा भूजा की व्यवस्था कर लेते है। फिर उसके बाद विदाई कर देंगे। 

जब मैंने उसका बाजार में पिता से गोरखपुर चलकर मैन्टल सार्टीफिकेट बनवाने की बात कहा तो वह भड़क गये और गाडी से नीचे उतर गये। तब मैने उन्हें किसी तरह मनाकर गाड़ी में बैठाया कि पीपीगंज चलकर टावर की बात करेंगे। इसके बाद मैने पिता का फोन लेकर स्वीच आफ कर दिया। मैने अपना फोन भी उसी समय बंद कर दिया मैं और मेरा बेटा संतोष पिता जी को लेकर अल्टो कार में पीछे बैठे थे और कलीमुल्लाह समानी गाडी चला रहा था। हम लोग उसका राजा होते हुए बृजमनगंज आये और बृजमनगंज से फरेन्दा होते हुए कैम्पियरगंज तक गये और मैने अब मन बना लिया था कि अब पिता जी को रास्ते में आज निपटा देंगे।

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