नयी दिल्ली: लोकसभा की विशेषाधिकार समिति शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस के तीन सदस्यों को अशोभनीय आचरण के लिए सदन से निलंबित करने के मुद्दे पर विचार करने के लिए अगले सप्ताह बैठक करेगी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सदस्य सुनील कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली समिति 12 जनवरी को अपनी बैठक में कांग्रेस सदस्यों के. जयकुमार, अब्दुल खालिक और विजयकुमार विजय वसंत के मौखिक साक्ष्य दर्ज करेगी, जिन्हें 18 दिसंबर को 'सदन में गंभीर अव्यवस्था' उत्पन्न करने के लिए निलंबित कर दिया गया था।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान, विपक्षी दलों के 100 लोकसभा सदस्यों को अशोभनीय आचरण के लिए निचले सदन से निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि वे संसद की सुरक्षा के उल्लंघन के मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग करते हुए तख्तियां लेकर आए थे और नारे लगा रहे थे।
सत्तानवे सदस्यों को शीतकालीन सत्र के बाकी दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था जबकि सिंह, खालिक और विजयकुमार का मुद्दा विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया था जो पीठासीन अधिकारी की कुर्सी तक पहुंच गए थे।
तीनों सदस्यों का निलंबन तब तक जारी रहेगा जब तक समिति अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को नहीं सौंप देती।
राज्यसभा में भी, शीतकालीन सत्र के दौरान 46 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था, जिनमें वे 11 सदस्य भी शामिल थे, जिनका मामला उच्च सदन की विशेषाधिकार समिति को भेज दिया गया था।
राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति की अध्यक्षता उपसभापति हरिवंश करते हैं और उसे भेजे गए 11 सदस्यों के निलंबन के मामले की पड़ताल के लिए अभी उसकी बैठक बुलानी बाकी है।
विपक्षी सदस्य जेबी माथेर हिशाम, एल हनुमंथैया, नीरज डांगी, राजमणि पटेल, कुमार केतकर, जी सी चन्द्रशेखर (सभी कांग्रेस); बिनय विश्वम और संतोष कुमार पी. (दोनों भाकपा), एम मोहम्मद अब्दुल्ला (द्रमुक), जॉन ब्रिटास और ए ए रहीम (दोनों माकपा) को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट सदन को मिलने तक के लिए निलंबित किया गया था।

