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प्रयागराज की धरती पर देश के पहले PM की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करना मेरा सौभाग्यः राम नाईक

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में शपथ ग्रहण समारोह में चीफ जस्टिस गोविंद माथुर को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाने के बाद प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन पर उनकी मूर्ति पर माल्यापर्ण किया। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़ें इस मौके पर क्या बोले राज्यपाल राम नाईक
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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प्रयागराज की धरती पर देश के पहले PM की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करना मेरा सौभाग्यः राम नाईक

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट में शपथ ग्रहण समारोह में नये चीफ जस्टिस गोविंद माथुर को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाने पहुंचे राज्यपाल राम नाईक ने बुधवार को बालसन चौराहे पहुंचकर पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन के अवसर पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण भी किया। राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि वो इलाहाबाद हाईकोर्ट में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए और इसके साथ ही हाईकोर्ट के नए न्यायमूर्ति को शपथ विधि दिलाने के लिए पहुंचे हैं।       

 

 

उन्होंने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी का आज  जन्मदिन है, जिसको लेकर हमने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल की भूमिका में मेरा यह सौभाग्य है कि मुझे ऐसे कार्यक्रम में भाग लेने का मौका मिला और मैंने देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किये। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है। यूपी एक ऐसा राज्य है जो दुनिया के तीन देशों को छोड़कर सभी देशों की आबादी से अधिक बड़ा है।   

  

अधिकारियों से बातचीत करते राज्यपाल राम नाईक

 

उत्तर प्रदेश की आबादी का देश में अपना अलग ही महत्व है। इसके साथ ही यहां की पुरातन संस्कृति का भी महत्व है। ये मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे प्रयागराज की धरती पर देश के पहले पीएम की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करने का मौका मिला है। राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि 2019 में होने वाले कुंभ को लेकर एक अलग से प्रधिकरण बनाए गए हैं। 

जिसकी वजह से कुंभ की तैयारी में किसी भी प्रकार से कमी नजर नहीं आ रही है। प्रयागराज में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। अभी कुछ ही दिन पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज किया। सनातन धर्म में जिस नाम से उल्लेख किया जाता था उसी नाम को फिर से देने का काम किया गया है।   
 

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