पीयूष गुप्ता अपहरण-हत्याकांड: महराजगंज पहुंचने में डीआईजी राजेश डी मोदक को लग गये चार दिन
चार दिन पहले महराजगंज कोतवाली इलाके के बांसपार बैजौली गांव के छह वर्षीय मासूम बालक पीयूष गुप्ता का अपहरण पचास लाख की फिरौती के लिए कर लिया गया था। मासूम की सकुशल रिहाई में विफल पुलिस ने मासूम का शव कल बरामद किया। महराजगंज के इस मामले की गूंज लखनऊ तक सुनायी दे रही है। इसके बाद अब जाकर गोरखपुर रेंज के डीआईजी राजेश डी मोदक की नींद टूटी है। इनको गोरखपुर से महराजगंज की 55 किमी की दूरी तय करने में चार दिन लग गये। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:
महराजगंज: सीएम योगी के गृह रेंज में तैनात 2003 बैच के आईपीएस राजेश डी मोदक कितनी सक्रियता से गोरखपुर रेंज चला रहे हैं इसका अंदाजा इसी बात से लग रहा है कि महराजगंज में छह साल के एक मासूम का पचास लाख की फिरौती के लिए दिन-दहाड़े अपहरण कर लिया जाता है।
अपहरण के बाद हत्यारे मासूम की हत्या के बाद शव गाड़कर जमीन में दफना देते हैं लेकिन डीआईजी मौके का दौरा करना मुनासिब नहीं समझते। जब खुलासे से भन्नाये ग्रामीण नेशनल हाइवे 730 जाम कर देते हैं और इसकी खबर डाइनामाइट न्यूज़ के माध्यम से लखनऊ तक गूंजती हैं तब जाकर डीआईजी साहब की नींद टूटती है।
जब जाम खुल गया तब डीआईजी रविवार को दोपहर एक बजकर 45 मिनट पर महराजगंज पहुंचते हैं। यहां पर पहले वे एसपी से सारे घटनाक्रम की जानकारी लेने के बाद कोतवाली पहुंचते हैं और कोतवाली में बैठकर अपह्रत मासूम के परिजनों से बात करते हैं।
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इधर मासूम का शव अभी जिला अस्पताल स्थित पोस्टमार्टम गृह में रखा हुआ है। गांव में तनाव के हालात बने हुए हैं और ग्रामीणों में भारी गुस्सा है। इस बीच यह भी खबर है कि कुछ असामाजिक तत्व जातिगत राजनीति की आड़ में ग्रामीणों को उकसा रहे हैं ताकि वे धरना-प्रदर्शन कर माहौल को तनावपूर्ण बनाये रहें।