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Pak Train Hijack: 30 सैनिकों की हत्या, 214 यात्री बंधक, BLA ने दी चीन-पाक को ये धमकी

बलूच लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार को अपनी शर्तें मानने के लिए 48 घंटों का अल्टीमेटम दे दिया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Pak Train Hijack: 30 सैनिकों की हत्या, 214 यात्री बंधक, BLA ने दी चीन-पाक को ये धमकी

नई दिल्ली: बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने मंगलवार को पाकिस्तान में क्वेटा से पेशावर जा रही जफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक किया। ट्रेन पर हमले और उसके बाद बीएलए के साथ मुठभेड़ में 30 पाकिस्तानी सैनिक मारे जाने की खबर है। वहीं पाकिस्तानी सेना ने अभी तक 140 बंधकों को आतंकियों के कब्जे से छुड़ाया।  

पाक सरकार ने कहा कि नौ कोच वाली इस ट्रेन में 500 यात्री सवार थे। मुठभेड़ के बाद इनमें से 140 लोगों को छुड़ा लिया गया है। सेना का ऑपरेशन जारी है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने 16 आतंकवादियों को जवाबी कार्रवाई में मार गिराया है।

जानकारी के अनुसार बीएलए ने पाक को चेतावनी दी है कि यदि सेना ने बंधकों को छुड़ाने की कोशिश की, तो सभी को मार दिया जाएगा। आतंकी समूह ने अपनी मांगों में कहा है कि बलूच राजनीतिक कैदियों और राष्ट्रीय प्रतिरोध कार्यकर्ताओं को बिना शर्त रिहा किया जाए। इसके बदले में वे बंधकों को छोड़ने को तैयार है और इसके लिए उन्होंने 48 घंटे की समय सीमा तय की है।

बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने कहा कि मजीद ब्रिगेड को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं, यदि पाकिस्तान की सेना बंधकों तक पहुंचने का प्रयास करेगी, तो सभी बंधकों को मार दिया जाएगा। 

BLA ने बयान जारी कर चीन और पाकिस्तान से दो टूक कह दिया है कि अगर अपनी जान बचाना चाहते तो बलूचिस्तान से निकल जाओ।

दूसरी तरफ पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा है कि आखिरी आतंकी की मौत तक सुरक्षाबलों का अभियान जारी रहेगा।

बता दें कि बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) सबसे बड़ा बलूच अलगाववादी समूह है और बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की मांग करते हुए दशकों से पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विद्रोह कर रहा है।

BLA को पाकिस्तान, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश “आतंकवादी संगठन” मानते हैं। यह समूह बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों, सरकारी इमारतों और चीनी सेना और उसके वर्कर्स को टारगेट करते हुए कई हमले किए हैं।

बलूचों को पहली और सबसे बड़ी मांग ये है कि बलूचिस्तान में पाकिस्तान की किसी भी एजेंसी या सुरक्षा एजेंसी का कोई भी नुमाइंदे वहां नहीं होने चाहिए। इसके अलावा बलूचों का मानना है कि चीन के साथ CPEC प्रोजेक्ट चल रहे हैं।

प्रोजेक्टों से उनके खनिजों का दोहन हो रहा है। इन प्रोजेक्ट्स की वजह से बड़ी संख्या में समुदाय के लोग विस्थापित हुए हैं। इसके बाद से बलूच लोग इन प्रोजेक्ट के यहां से हटाने की लगातार कई सालों से मांग कर रहे हैं।

बीएलए द्वारा पाकिस्तान पर ये कोई नया हमला नहीं है, बीएलए पिछले कई सालों से पाकिस्तान पर ऐसे हमले करता रहा है। कभी चीन के इंजीनियर को निशाना बनाया तो कभी पाकिस्तान के राजनयिकों को निशाना बनाता है।

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