नोएडा: नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) ने कहा है कि उसने एक सरकारी बैंक में 200 करोड़ रुपये की मियादी जमा (एफडी) में कथित अनियमितताओं की जांच शुरू की तथा वह अपने वित्त विभाग के अधिकारियों की भूमिका की भी पड़ताल करेगा।
प्राधिकरण ने बताया कि जांच समिति पांच अगस्त तक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) लोकेश एम को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी।
वित्तीय धोखाधड़ी की एक पृथक पुलिस जांच चल रही है। इस धोखाधड़ी में नोएडा प्राधिकरण से धनराशि ली गयी थी लेकिन कभी एफडी नहीं करायी गयी थी।
ये अनियमिताएं पूर्व सीईओ ऋतु माहेश्वरी के कार्यकाल के दौरान मध्य जून में सामने आयी थीं और अबतक पुलिस इस सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।
एफडी धोखाधड़ी मामले की पृष्ठभूमि में माहेश्वरी का नोएडा प्राधिकरण की सीईओ के पद से तबादला किया गया था और उनकी जगह कानपुर के मंडल आयुक्त लोकेश एम ने ली थी।
प्राधिकरण ने बुधवार को मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी (सीएफएओ) मनोज कुमार सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे तीन दिन में स्पष्टीकरण मांगा है। उसने कहा कि जवाब नहीं मिलने पर निलंबन समेत उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों के अनुसार इस मामले में उनके अलावा, वित्त नियंत्रक स्वतंत्र कुमार गुप्ता और लेखाकार रोहित बंसल की भूमिकाओं पर भी जांच समिति की नजर है।

